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महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि 23 को, इंटरनेट पर गलत जानकारी के चलते कई संस्थाओं ने मना ली पुण्यतिथि

सोशल मीडिया और इंटरनेट पर गलत जानकारी के चलते वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि की तारीख को लेकर गफलत है। महाराणा प्रताप की 424वीं पुण्यतिथि का कार्यक्रम मंगलवार को चावंड उदयपुर डाकन कोटड़ा सहित कई जगह मनाए गए।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 11:18 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 05:01 PM (IST)
महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि 23 को, इंटरनेट पर गलत जानकारी के चलते कई संस्थाओं ने मना ली पुण्यतिथि
श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयेाजित हुआ। कई संस्थाओं ने महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर खेल प्रतियोगिताएं कीं।

 जासं, उदयपुर। महाराणा प्रताप का निधन माध शुक्ल एकादशी को हुआ था लेकिन इंटरनेट पर गलत जानकारी के चलते देश भर में कई संस्थाओं ने मंगलवार को उनकी पुण्यतिथि मना ली। इंटरनेट पर गलत जानकारी के चलते हुई गफलत को लेकर मेवाड़ के पूर्व राजघराने का कहना है कि वह अगले महीने की 23 फरवरी को महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि मनाएंगे, जो सही है। 

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 विक्रम संवत् 1653 की माघ शुक्ल एकादशी 

मेवाड़ राजघराने के सदस्य लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ का कहना है कि अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार विक्रम संवत् 1653 की माघ शुक्ल एकादशी के दिन तारीख 29 जनवरी थी किन्तु उनका परिवार तिथि के दिन ही पुण्यतिथि मनाता आया है और इस बार 23 फरवरी को पुण्यतिथि मनाई जाएगी।

सोशल मीडिया और इंटरनेट पर गलत जानकारी 

सोशल मीडिया और इंटरनेट पर गलत जानकारी के चलते वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि की तारीख को लेकर गफलत है। महाराणा का निधन माघ शुक्ल एकादशी को हुआ था। महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेंद्र सिंह आउवा बताते हैं कि सोशल मीडिया और इंटरनेट पर डली गलत जानकारी के चलते कई संस्थाओं और संगठनों ने 19 जनवरी मंगलवार को पुण्यतिथि कार्यक्रम मना लिए।

प्रताप के निधन के दिन एकादशी 29 जनवरी थी 

विकिपीडिया पर महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि 19 जनवरी बताई जा रही है, लेकिन मेवाड़ का इतिहास का स्रोत वीर विनोद में माघ शुक्ल एकादशी ही बताई गई है। मेवाड़ के इस सबसे प्रामाणिक ग्रंथ के लेखक और इतिहासकार श्यामलदास ने यही तिथि बताई है। प्रताप के निधन के दिन एकादशी 29 जनवरी को ही थी।

बना ली महाराणा प्रताप की ४२४वीं पुण्यतिथि

महाराणा प्रताप की 424वीं पुण्यतिथि का कार्यक्रम मंगलवार को चावंड, उदयपुर डाकन कोटड़ा सहित कई जगह मनाए गए। डाकनकोटडा में सेवार्थ योग आयुर्वेद और यज्ञ संस्थान के संयोजक डॉ. भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि योगाचार्य प्रीतम सिंह चूंडावत लाइव मंत्रोच्चारण के साथ 424 बार लगातार सूर्य नमस्कार कर महाराणा प्रताप के शौर्य, पराक्रम और त्याग को श्रद्धा से नमन किया।

पुण्यतिथि पर खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित

महाराणा प्रताप स्मारक समिति ने भी मंगलवार को ही कार्यक्रम आयोजित किया। पुण्यतिथि समारोह प्रताप के समाधि स्थल चावंड में सुबह 10 बजे कार्यक्रम आयेाजित हुआ। जहां समिति अध्यक्ष ख्यालीलाल देवड़ा के नेतृत्व में सुबह 9:30 बजे प्रताप खेल मैदान से समाधि स्थल तक जुलूस निकाला गया तथा बाद में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयेाजित हुआ। कई संस्थाओं ने महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित कीं।

पुष्पाजंली अर्पित करते हुए स्मरण किया गया 

यहां महाराणा प्रताप कृषि एवँ प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में भी वीर शिरोमणि प्रातः स्मरणीय महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर पुष्पाजंली कार्यक्रम आयोजित किया। राजस्थान कृषि महाविद्यालय परिसर में स्थित महाराणा प्रताप की अश्वारूढ प्रतिमा के समक्ष विश्वविद्यालय वित्तनियंत्रक, अधिष्ठाता, आरसीए, अधिष्ठाता, सीटीएई, अधिष्ठाता, सीसीएएस, निदेशक, अनुसंधान, निदेशक प्रसार शिक्षा, निदेशक, आयोजना एवं परिवेक्षण, वरिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने महाराणा प्रताप को पुष्पाजंली अर्पित करते हुए स्मरण किया।


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