भारत-पाक के बीच बढ़े तनाव के मद्देनजर ख्वाजा साहब के उर्स में नहीं आएगा पाक जायरीनों का जत्था
पुलवामा आतंकी हमले और फिर भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक के बाद भारत-पाक के बीच बढ़े तनाव के मद्देनजर ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती दरगाह के उर्स में पाक जायरीनों जत्था शामिल नहीं होगा।
जयपुर, जागरण संवाददाता। पुलवामा आतंकी हमले और फिर भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक के बाद भारत-पाक के बीच बढ़े तनाव के मद्देनजर अजमेर स्थित ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के उर्स में पाक जायरीनों जत्था शामिल नहीं होगा। जहां एक ओर दरगाह दीवान एवं अन्य समाजिक संगठनों के विरोध के चलते ख्वाजा साहब के उर्स में पाक जायरीनों का जत्था नहीं आ रहा है, वहीं एलओसी पर बढ़ते तनाव से पर्यटन व विजिटर वीजा पर आने वाले पाक नागरिकों की संख्या में भी पिछले कुछ दिन में कमी आई है।
ख्वाजा साहब के उर्स का झंडा 3 मार्च को चढ़ेगा और चांद दिखाई देने पर 7 या 8 मार्च से उर्स शुरू होगा। पुलिस प्रशासन और खुफिया विभाग को पाकिस्तानी जायरीन जत्थे के अजमेर आने के संबंध में कोई सूचना नहीं है। ऐसे में साफ है पाक जत्था नहीं आएगा।
प्रतिवर्ष करीब 15 दिन पहले ही इस तरह की सूचना मिल जाती है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार विदेश और गृह मंत्रालय से भी पाक जायरीनों के नहीं आने की अनौपचारिक सूचना मिल गई है। अजमेर के पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि उर्स में पाक जत्थे के आने की कोई सूचना नहीं मिली है। सामान्यतौर पर विजिटर वीजा पर पाक पर्यटक आ जा सकते है। उस पर कोई रोक नहीं है।
कपड़े और पान की सप्लाई रोकी
कपड़ा उधोग के लिए देश में प्रसिद्ध राजस्थान में भीलवाड़ा के उधमियों ने पाकिस्तान जाने वाले यार्न एक्सपोर्ट को रोक दिया है। यहां से यार्न ट्रकों से पंजाब से बाघा बॉर्डर होता होकर पाक जाता था। पिछले पांच दिन से यार्न नहीं भेजा जा रहा है। भीलवाड़ा से प्रतिवर्ष करीब 300 टन यार्न पाकिस्तान जाता है।
उधर भरतपुर पान उत्पादक किसानों ने पाकिस्तान को पान नहीं भेजने का निर्णय किया है। भरतपुर जिले के उमरैण,खानखेड़ा,बरेरी और बागरैन आदि क्षेत्रों के किसान पान की खेती करते है। पान किसान संघ के दोजीराम ने बताया कि पुलवामा हमले के बाद से ही पान की सप्लाई रोक दी गई थी,हालांकि इससे किसानों को नुकसान हो रहा है,लेकिन पहले देश है। उधर सरसों उत्पादक किसान भी इसी तरह का निर्णय करने की तैयारी कर रहे है ।