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Rajasthan: कोटा के जेके लोन अस्पताल में नौ बच्चों की मौत को लेकर जांच कमेटी गठित, भाजपा ने सरकार को घेरा

Rajasthan जेके लोन अस्पताल में एक रात में नौ बच्चों की मौत के मामले में सरकार हरकत में आई। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बच्चों की मौत के मामलों की जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार के नेतृत्व में चार सदस्यीय कमेटी कोटा भेजी है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 03:34 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 03:34 PM (IST)
Rajasthan: कोटा के जेके लोन अस्पताल में नौ बच्चों की मौत को लेकर जांच कमेटी गठित, भाजपा ने सरकार को घेरा
कोटा के जेके लोन अस्पताल में नौ बच्चों की मौत को लेकर जांच कमेटी गठित। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में एक रात में नौ बच्चों की मौत के मामले में शुक्रवार को सरकार हरकत में आई। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बच्चों की मौत के मामलों की जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार के नेतृत्व में चार सदस्यीय कमेटी कोटा भेजी है। यह कमेटी कोटा जाकर बच्चों की मौत के प्रत्येक प्रकरण की जांच करेगी। कमेटी को तीन दिन में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। मुख्य सचिव ने संभागीय आयुक्त व जिला कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बच्चों की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल बड़ी संख्या में बच्चों की मौत होने के बावजूद सरकार लापरवाही बरत रही है। पूनिया ने ट्वीट में कहा कि सरकार अब तो जागो, नहीं तो भागो।

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अस्पताल प्रशासन की सफाई, कई लापरवाही सामने आई

बच्चों की मौत के बाद शुरुआती जानकारी में सामने आया कि अस्पताल के कई महत्वपूर्ण उपकरण काफी समय से खराब हैं। आइसीयू में इसीजी मशीन का चार्जींस सिस्टम खराब होने से मशीन काम नहीं कर रही। नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट में एक वार्मर पर दो-दो नवजात बच्चे थे। अस्पताल में रात्रि के समय जिन डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती है। वे ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहते। डॉक्टरों की जगह वार्ड ब्वाय काम संभालता है।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल इसी अस्पताल में 35 दिन में 107 बच्चों की मौत हुई थी। उस दौरान पूरे देश में यह मामला उठा था। अस्पताल अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा ने शुक्रवार को कहा कि नौ में से तीन बच्चे मृत ही शिशु रोग विभाग में पहुंचे थे। दो बच्चे बूंदी जिले से रेफर होकर यहां आए थे, इनमें से एक सेप्टिक शॉक था और एक सेप्टिक शॉक विद रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस में था। तीन बच्चों को जन्मजात ब्रेन संबंधी विकृतियां थीं। एक बच्चा हाइपाग्लाइसीमिया वाली हालत में था। सात बच्चों की डिलिवरी इसी अस्पताल में हुई थी।

डॉक्टरों की हड़ताल के कारण देरी से शुरू हुई ओपीडी

आयुर्वेद छात्रों को सर्जरी करने की अनुमति मिलने के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को देशभर में डॉक्टरों ने दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल की। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर यह हड़ताल हुई। राजस्थान के सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर सुबह दो घंटे तक हड़ताल पर रहे। इस कारण ओपीडी दो घंटे देरी से शुरू हुई। हालांकि कोविड मरीजों की देखरेख करने वाले डॉक्टर हड़ताल से अलग रहे। जयपुर, कोटा, जोधपुर, अजमेर मेडिकल कॉलेजों में दो घंटे की हड़ताल के कारण कामकाज ज्यादा प्रभावित हुआ। 


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