Manmohan Vaidya: INDIA शब्द अंग्रेजों ने दिया, भारत कहना होगा बेहतर; जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में बोले मनमोहन वैद्य
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा कि इंडिया शब्द अंग्रेजों के भारत में आने के बाद दिया गया था जबकि भारत प्राचीनकाल से है। देश के संविधान में भी इंडिया को भारत लिखा गया है इसलिए भारत कहना ही ज्यादा बेहतर होगा। मनमोहन वैद्य शुक्रवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल हुए। वैद्य ने अपनी पुस्तक वी एंड द वर्ल्ड अराउंड पर भी चर्चा की।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा कि इंडिया शब्द अंग्रेजों के भारत में आने के बाद दिया गया था, जबकि भारत प्राचीनकाल से है। देश के संविधान में भी इंडिया को भारत लिखा गया है, इसलिए भारत कहना ही ज्यादा बेहतर होगा।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल हुए मनमोहन वैद्य
मनमोहन वैद्य शुक्रवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल हुए। उन्होंने 'एट होम एंड द वर्ल्ड' सत्र में पवन के. वर्मा व मंदिरा नायर के साथ बातचीत में कहा कि वसुधैव कुटुंबकम का विचार भारत में पैदा हुआ। भारत के लोग दुनियाभर में व्यापार करने गए, लेकिन वहां लोगों को कन्वर्ट (परिवर्तित) नहीं किया, जैसा कि यूरोप और अरब के लोगों ने किया था।
एक सवाल पर बोले कि संघ अंतरजातीय विवाह का समर्थन करता है, लेकिन आज भी समाज में 90 प्रतिशत शादियां स्वजाति में होती हैं। इसकी वजह से तलाक के मामलों की संख्या काफी कम है, क्योंकि परिवार का अपना एक बांड होता है।
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पहले जाति नहीं, वर्ण होते थे
वैद्य ने अपनी पुस्तक 'वी एंड द वर्ल्ड अराउंड' पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, थाईलैंड में भी अयोध्या नाम की जगह है। बैंकाक के हवाई अड्डे पर समुद्र मंथन का सुंदर चित्र है। वैद्य ने कहा कि हमारे पूर्वज और संस्कृति एक है। यह हमारी भारत माता है। 99 प्रतिशत लोग यहां से कन्वर्ट हुए हैं। अगर इंडोनेशिया का मुस्लिम धर्म बदलने के बावजूद भगवान राम को मान सकता है तो यहां के लोग भी ऐसा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया के प्रधानमंत्री जब भारत आए थे तो मीडिया ने पूछा था कि आप मुस्लिम हैं, फिर भी आपके देश में रामलीला का आयोजन किया जाता है। इस पर उन्होंने कहा था कि कुछ जनरेशन पहले भले हमने अपना धर्म बदल लिया हो, पर हम अपने पूर्वज नहीं बदल सकते हैं।
संघ की शाखा में भी आते हैं मुस्लिम
वैद्य ने कहा कि आजकल संघ की शाखा में मुस्लिम भी आते हैं। वे दायित्व लेकर काम करते हैं। उन्होंने कहा, ¨हदू समाज के लिए भी हिंदुत्व समझना आवश्यक है। वैद्य बोले, पहले जाति नहीं हुआ करती थी। सिर्फ वर्ण होते थे। अब तो संविधान में सबको अपनी व्यवस्था चुनने का अधिकार है। वैसे भी छूआछूत और जाति व्यवस्था गलत है।
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