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राजस्थान में एक सरपंच कुर्सी पर 4 माह से काल भैरव की फोटो रख, खुद जमीन पर बैठ पंचायत का कामाकाज निपटा रहा

राजस्थान में सिरोही जिले के रेवदर में एक सरपंच पिछले चार माह से कुर्सी के बजाय जमीन पर बैठकर पंचायत का कामाकाज निपटा रहा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 09:12 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 09:12 AM (IST)
राजस्थान में एक सरपंच कुर्सी पर 4 माह से काल भैरव की फोटो रख, खुद जमीन पर बैठ पंचायत का कामाकाज निपटा रहा
राजस्थान में एक सरपंच कुर्सी पर 4 माह से काल भैरव की फोटो रख, खुद जमीन पर बैठ पंचायत का कामाकाज निपटा रहा

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में सिरोही जिले के रेवदर में एक सरपंच पिछले चार माह से कुर्सी के बजाय जमीन पर बैठकर पंचायत का कामाकाज निपटा रहा है। वहीं पंचायत घर में सरपंच की कुर्सी पर काल भैरव की फोटो को रखा गया है,जिस पर प्रतिदिन सुबह खुद सरपंच माला चढ़ाकर अगरबत्ती करता हैं। सरपंच ने ग्राम विकास अधिकारी से कहा कि किसी कारणवश वे खुद पंचायत घर नहीं आ सकें तो उन्हें रोजाना सुबह-शाम काल भैरव की पूजा करनी है। सरपंच ने बताया कि उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ने से पहले ही तय कर लिया था कि वे कुर्सी की बजाय आमजन के साथ तिरपाल पर बैठकर कामकाज निपटाएंगे। 

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सरपंच का कहना है कि पूरे पांच साल मेरी जगह काल भैरव सरपंच की कुर्सी पर बैठेंगे और मैं उनके नाम पर पंचायत का कामकाज संचालित करूंगा। सरपंच अजबाराम चौधरी ने जनवरी के अंतिम सप्ताह में सरपंच बनने के बाद पदभार ग्रहण करने के दौरान अपनी कुर्सी पर काल भैरव को बिठाकर सबको चौंका दिया था।

इस दौरान उन्होंने ऐलान किया था कि अगले पांच साल तक वे खुद नीचे तिरपाल पर बैठकर पंचायत का कामकाज निपटाएंगे। पिछले चाह माह से उनकी कुर्सी पर काल भैरव की फोटो रखी हुई है।

राजस्थान में सिरोही जिले के रेवदर में एक सरपंच पिछले चार माह से कुर्सी के बजाय जमीन पर बैठकर पंचायत का कामाकाज निपटा रहा है। वहीं पंचायत घर में सरपंच की कुर्सी पर काल भैरव की फोटो को रखा गया है,जिस पर प्रतिदिन सुबह खुद सरपंच माला चढ़ाकर अगरबत्ती करता हैं। कुछ लोग इसे अंधविश्वास से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि चौधरी ने कहा कि उन्होंने ऐसा लोगों को ध्यान में रखकर किया है । सरपंच ने ग्राम विकास अधिकारी से कहा कि किसी कारणवश वे खुद पंचायत घर नहीं आ सकें तो उन्हें रोजाना सुबह-शाम काल भैरव की पूजा करनी है। सरपंच ने बताया कि उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ने से पहले ही तय कर लिया था कि वे कुर्सी की बजाय आमजन के साथ तिरपाल पर बैठकर कामकाज निपटाएंगे। 


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