सलमान पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप, सुनवाई के बाद बहस की तारीख तय
सलमान के खिलाफ विचाराधीन धारा 340 के दो प्रार्थना पत्रों पर जोधपुर सीजेएम ग्रामीण कोर्ट में सुनवाई के बाद बहस के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की गई।
जागरण संवाददाता, जयपुर। काला हिरण शिकार मामले में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के खिलाफ कोर्ट को गुमराह करने के मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई। सलमान के खिलाफ विचाराधीन धारा 340 के दो प्रार्थना पत्रों पर जोधपुर सीजेएम ग्रामीण कोर्ट में सुनवाई के बाद बहस के लिए 29 नवंबर की तारीख तय की गई। कोर्ट को गुमराह करने के अपराध में अधिकतम 7 साल की सजा का प्रावधान है और इन दोनों प्रार्थना पत्रों को लेकर सलमान की मुसीबत भी बढ़ती जा रही है।
जानें, क्या है आरोप
सलमान पर अरोप है कि उन्होंने कोर्ट में एक आवेदन देकर ये बताया कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है और कान में दर्द है, जिसके चलते मैं पेशी पर नहीं आ सकते। लेकिन ठीक उसी दिन सलमान कश्मीर की वादियों में फिल्म 'बजरंगी भाईजान' की शूटिंग करते हुए नजर आए। इस मामले को लेकर वन अधिकारी ललित बोड़ा ने अर्जी पेश कर सलमान के खिलाफ कोर्ट को गुमराह करने का केस दर्ज करने की अपील की थी। इसी तरह एक सलमान खान पर एक और झूठ के आरोप लगे।
सलमान ने अपने हथियार के लाइसेंस को कोर्ट द्वारा बार-बार मांगने पर भी जमा नहीं कराया और कोर्ट में एक प्रार्थनापत्र पेश करते हुए बताया कि उनका लाइसेंस कहीं खो गया है। इस बात को लेकर सलमान ने मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में 8 अगस्त, 2003 में एक मुकदमा भी दर्ज करवा दिया कि उनके हथियार का लाइसेंस कहीं खो गया है। लेकिन जब सलमान ने लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए आवेदन किया तब कोर्ट को उनके इस झूठ का पता चला और विश्र्नो समाज एवं राज्य सरकार के वकील ने यह मामला कोर्ट में उठाया।
सलमान के इस झूठ को लेकर लोक अभियोजक अधिकारी एनके सांखला ने सलमान खान के खिलाफ कोर्ट को गुमराह करने का मुकदमा दर्ज करने की बात कही, लेकिन तत्कालीन सीजेएम जज देव कुमार खत्री ने इस प्रार्थना पत्र को मामले के निस्तारण के लिए पेंडिंग रख लिया। सलमान खान को आर्म्स एक्ट मामले में बरी कर दिया गया, लेकिन यह अर्जी अभी तक पेंडिंग है।