Rajasthan: गुलाब चंद कटारिया बोले, सीएम गहलोत दिल्ली के चक्करों में व्यस्त, प्रदेश में बढ़े अपराध
Gulab chand Kataria. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं लेकिन उन्हें दिल्ली के चक्कर लगाने से ही फुर्सत नहीं है।
जयपुर, जेएनएन। Gulab chand Kataria. राजस्थान में कांग्रेस शासन के एक वर्ष में अपराधों में 31 प्रतिशत में बढ़ोतरी पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली के चक्कर लगाने से ही फुर्सत नहीं है।
गुलाबचंद कटारिया ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए प्रदेश सरकार को बिगड़ती कानून व्यवस्था के मामले में घेरा। कटारिया ने कहा कि सहीं ढंग से मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण राजस्थान अपराधों के मामले में देश में दूसरे नंबर पर आ चुका है। कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री गृह विभाग के मंत्री भी है, लेकिन उन्होंने विभाग को अधिकारियों के भरोसे छोड़ रखा है और खुद दिल्ली के चक्करों में व्यस्त है। कटारिया ने कहा भाजपा शासनकाल में ना केवल विभाग की प्रॉपर मॉनिटरिंग होती थी, बल्कि थानों की ग्रेडिंग की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन अब सब गड़बड़ा गया है।
कटारिया ने कहा कि राजस्थान में आजादी के बाद यह पहला साल है, जिसे कानून व्यवस्था के लिहाज से सबसे लचर माना जा सकता है क्योंकि इसमें 31 फीसद अपराध बढ़े हैं। कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह भी सलाह दी कि यदि वह गृह विभाग के लिए पूर्णकालिक मंत्री नहीं बनाते तो कम से कम इसे देखने के लिए अपना कोई असिस्टेंट ही रख लें। कटारिया ने इस दौरान प्रेस के समक्ष पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में पांच साल में घटित हुए अपराधों का आंकड़ा भी मीडिया में रखा और उसकी तुलना मौजूदा सरकार के एक साल के कार्यकाल से करते हुए कहा कि पिछले पांच साल के मुकाबले में बीते एक साल में सबसे ज्यादा सांप्रदायिक तनाव के मामले भी सामने आए हैं।
गहलोत कराएं कोर्ट के आदेश की पालना
पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले सहित कैबिनेट मंत्री की सुविधाएं दिए जाने संबंधी विधेयक पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में कटारिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना होनी चाहिए। इस विधेयक को रदद करने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज हो गई है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और जगन्नाथ पहाडिया हो रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि कानून और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना कराना हर सरकार का काम है, फिर चाहे राजस्थान सरकार हो या गुजरात की सरकार। वहीं, कटारिया से जब पूछा गया कि क्या पूर्व मुख्यमंत्रियों को नैतिकता के आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानकर अपना बंगला खाली नहीं कर देना चाहिए तो कटारिया ने कहा यह सवाल तो आप उनसे ही पूछिए।
गहलोत में दम हो तो रोक कर दिखाएं सीएए
नागरिकता संशोधन कानून के बारे में कटारिया ने कहा कि गहलोत में दम हो तो इस कानून को रोक कर दिखाएं। यह कानून लागू करना हर राज्य के लिए जरूरी है। इसे कोई नहीं रोक सकता।