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Gujjar Reservation Movement: गुर्जरों का रेलवे ट्रैक पर कब्जा जारी,आज हो सकती है सरकार से वार्ता

Gujjar Reservation Movement भर्तियों और आरक्षण के मामले को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने सहित अन्य मांगों को लेकर गुर्जर समाज के लोगों ने रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया। भरतपुर के पास बयाना में रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर गुर्जर बैठे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 10:19 AM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 12:07 PM (IST)
भरतपुर के पास बयाना में रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर गुर्जर बैठे हैं।

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) में बैकलॉग की भर्तियों और आरक्षण के मामले को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने सहित अन्य मांगों को लेकर गुर्जर समाज के लोगों ने रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया। भरतपुर के पास बयाना में रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर गुर्जर बैठे हैं। उग्र युवाओं ने पटरियों की फिश प्लेट निकाल दी। इससे दिल्ली-मुम्बई रेल मार्ग बाधित है।

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गुर्जरों के उग्र आंदोलन के चलते करौली, भरतपुर, सवाईमाधोपुर जिलों में रोड़वेज की बसों का संचालन बंद है।भरतपुर-बयाना राजमार्ग पर गुर्जरों के कब्जा करने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।गुर्जर आरक्षाण संधर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला और राज्य सरकार के मंत्री अशोक चांदना के बीच सोमवार दोपहर बाद वार्ता होने की उम्मीद है। वार्ता में हल निकाले से गुर्जरों का आंदोलन खत्म हो सकता है। चार जिलों में पिछले तीन दिन से इंटरनेट बंद है। चांदना रविवार रात को भी बैंसला से वार्ता के लिए जा रहे थे, लेकिन राजमार्ग पर गुर्जरों के कब्जे व जाम के कारण उन्हे बीच में ही रूकना पड़ा।

गुर्जरों ने रात को वार्ता से भी इंकार कर दिया था, ऐसे में सोमवार दोपहर बाद वार्ता होने की उम्मीद है। दिल्ली मुंबई के बीच चलने वाली डेढ़ दर्जन ट्रेनों पर इस आंदोलन का असर पड़ा है। अधिकांश ट्रेनों को डायवर्जन कर चलाया जा रहा है। गाड़ी संख्या 02059 कोटा निजामुद्दीन आज रद्द, गाड़ी संख्या 02402 देहरादून कोटा और गाड़ी संख्या 02401 कोटा देहरादून नंदा देवी एक्सप्रेस आज निरस्त कर दिया गया है। गुर्जरों के पटरी पर बैठने के कारण करीब 60 ट्रेनें प्रभावित हुईं, जिनमें 40 मालगाड़ी भी हैं। कई ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया जबकि दो स्थगित करनी पड़ीं।

उल्लेखनीय है कि आरक्षण से जुड़ी लंबित मांगों को लेकर गुर्जर समाज का एक धड़ा आंदोलन कर रहा है। जबकि दूसरा गुट सरकार से हुई वार्ता के बाद संतुष्ट नजर आ रहा है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुट ने आंदोलन का आगाज किया है। इस धड़े से बातचीत करने के लिये रविवार को खेल मंत्री अशोक चांदना वहां गये थे, लेकिन वार्ता नहीं हो पाई। यहां बैंसला के पुत्र विजय सिंह बैंसला के नेतृत्व में गुर्जर समाज आंदोलन कर रहा है।

गुर्जरों की हैं ये मांगें

समझौता और मैनिफेस्टो में वादे के मुताबिक बैकलॉग की भर्तियां निकाली जाएं। प्रक्रियाधीन भर्तियों में पूरा 5 प्रतिशत आरक्षण। आरक्षण में मारे गए लोगों में से शेष रहे तीन लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी व मुआवजा मिले। आरक्षण विधेयक को नवीं अनुसूची में डाला जाए। एमबीसी कोटे से भर्ती 1252 कर्मचारियों को दो वर्ष के परिवीक्षाकाल पूरा करने पर रेगुलर पे-स्केल मिले। देवनारायण योजना में विकास योजनाओं के लिए बजट दिया जाए।  


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