पाकिस्तान से राजस्थान पहुंचा टिड्डी दल, सीएम ने जताई चिंता; गांवों में अलर्ट
Grasshopper Arrive in Rajasthan. पाकिस्तान से टिड्डी दल राजस्थान पहुंच गया है। इस संबंध में गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में पाकिस्तान की सीमा से सटे जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर और बीकानेर जिलों में टिड्डी दल के हमले की आशंका बढ़ गई है। पाकिस्ताल के ब्लूचिस्तान से आ रहे टिड्डी दल को रोकने के लिए बीएसएफ और राजस्थान सरकार कार्य योजना बनाने में जुटे हैं। राजस्थान से सटी 1070 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा के गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।
जैसलमेर-बाड़मेर जिलों 26 साल पहले 1993 में सितंबर और अक्टूबर के बीच पाकिस्तान से आई टिड्डियों ने आतंक मचाया था। उस दौरान टिड्डी दल खरीफ और रबी दोनों की फसल को चट कर गया था। उस समय वायुसेना की मदद से विमानों से स्प्रे करवाया गया था। इस बार भी राज्य सरकार ने इस बारे में विचार करना शुरू कर दिया है। जरूरत पड़ने पर एयरफोर्स के विमानों से स्प्रे करवाया जाएगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इसे लेकर चिंता जताई है। गहलोत ने कहा कि टिड्डी दल पाकिस्तान की तरफ से आता है और फसल पर हमला करता है, फसल नष्ट हो जाती है। अभी जैसलमेर जिले में टिड्डी दल ने हमला किया हुआ है। सरकार ने अधिकारियों से कहा कि वे केंद्र सरकार के संपर्क में रहें, क्योंकि केंद्र सरकार ही आगे आकर जो कदम उठाने पड़ते है उठाती है। पहले भी ऐसे हमले हुए हैं, तो केंद्र सरकार आगे आई है।
बीएसएफ भी सक्रिय
पाक से आ रहे टिड्डी दलों पर नियंत्रण के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और टिड्डी नियंत्रण संगठन सक्रिय हो गए। पाक सीमा से सटी बीएसएफ की चौकियों पर तैनात जवानों को टिड्डी को देखते ही प्रशासन को जानकारी देने के लिए कहा गया। कृषि विभाग के सहायक निदेशक पदम सिंह ने बताया कि टिड्डी दल घास फूस या जंगल में देखा गया है और वहीं पर उस पर कीटनाशक छिड़का जा रहा है। वयस्क टिड्डी झुंड एक दिन में 150 किमी तक हवा के साथ उड़ सकता है। वयस्क टिड्डी हर दिन ताजा खाना खाता है और व ह अपने वजन जितना खा सकता है। एक अनुमान के अनुसार, एक बहुत छोटा झुंड एक दिन में लगभग 35,000 लोगों जितना खाना खाता है। यही कारण है कि किसानों को अपनी फसलों को लेकर चिंता सता रही है ।
गोडावन संरक्षण पर भी संकट
द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड यानी गोडावन भी इसी इलाके में पाया जाता है। टिड्डी गोडावन का भोजन भी होती है। ऐसे में टिड्डी दल को कंट्रोल करने के लिए पूरे इलाके में कीटनाशक छिड़काव करने से जहर वाली टिड्डी गोडावन का भोजन बनने की आशंका है। ऐसा होता है तो करोड़ों रुपये की लागत से तैयार हो रहे कैपटिव ब्रीडिंग और अंडा संरक्षण केंद्र पर भी संकट आ सकता है। रामदेवरा के पास बनाए जा रहे इस केंद्र के इलाके में विचरण करने वाले गोडावन की रक्षा के लिए अब अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा भी आगे आई है।
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