राजस्थान में सरकारी डॉक्टर प्राइवेट अस्पतालों में नहीं कर सकेंगे जांच व ऑपरेशन, एक हजार आयुर्वेद चिकित्सकों की होगी भर्ती
चिकित्सक अगर अपने घर पर मरीज देखेंगे तो सरकार की ओर से निर्धारित फीस ही मरीज से ले सकेंगे। ज्यादा फीस लेने की शिकायत मिली तो जांच में दोषी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने आयुर्वेद चिकित्सकों व कंपाउंडरों के एक हजार पदों पर भर्ती करने का निर्णय लिया।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में सरकारी सेवा में कार्यरत चिकित्सक अब प्राइवेट अस्पताल में जाकर ना तो मरीज देख सकेंगे और ना ही ऑपरेशन करने की अनुमति होगी। प्राइवेट डाइग्नोस्टिक सेंटरों में जांच करने पर भी रोक रकेगी। चिकित्सक अगर अपने घर पर मरीज देखेंगे तो सरकार की ओर से निर्धारित फीस ही मरीज से ले सकेंगे। ज्यादा फीस लेने की शिकायत मिली तो जांच में दोषी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में चिकित्सा विभाग के निदेशक ने सभी जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व अस्पातल अधीक्षकों को आदेश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि जो डॉक्टर नॉन प्रेक्टिस अलाउंस नहीं ले रहे हैं, वे अपने आवास पर मरीज देखेंगे तो निर्धारित परामर्श शुल्क ही लेंगे। शुल्क की सूचना और दर परामर्श कक्ष के बाहर प्रदर्शित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में सरकारी सेवा में कार्यरत चिकित्सक अब प्राइवेट अस्पताल में जाकर ना तो मरीज देख सकेंगे और ना ही ऑपरेशन करने की अनुमति होगी। प्राइवेट डाइग्नोस्टिक सेंटरों में जांच करने पर भी रोक रकेगी। प्रदेश के बड़े अस्पतालों में तैनात वरिष्ठ चिकित्सक प्राइवेट अस्पतालों में जाकर मरीज देखने के साथ ही ऑपरेशन करते थे। इस कारण सरकारी अस्पतालों की सेवा में व्यवधान आ रहा था। सरकार तक यह भी शिकायत पहुंची थी कि सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में जांच कराने को लेकर दबाव बनाते हैं। कई बार की गई आकस्मिक जांच के दौरान चिकित्सक ड्यृटी पर नहीं मिले। इस कारण चिकित्सा मंत्री डॉ.रघु शर्मा के निर्देश पर यह आदेश जारी किया गया है।
इसी बीच सरकार ने आयुर्वेद चिकित्सकों व कंपाउंडरों के एक हजार पदों पर भर्ती करने का निर्णय लिया है। चिकित्सा मंत्री ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू होगी। चिकित्सा विभाग में 12,500 नर्सिंग कर्मियों व 765 मेडिकल आफिसर की भर्ती कर ली गई है।