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पूर्व मुख्यमंत्रियों व वरिष्ठ नेताओं की सुविधाओं के लिए नीति तैयार करेगी गहलोत सरकार

Gehlot government. राजस्थान सरकार यह तय करने जा रही है कि दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास और सरकारी कार की सुविधा तो मिलेगी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 02:36 PM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 02:36 PM (IST)
पूर्व मुख्यमंत्रियों व वरिष्ठ नेताओं की सुविधाओं के लिए नीति तैयार करेगी गहलोत सरकार
पूर्व मुख्यमंत्रियों व वरिष्ठ नेताओं की सुविधाओं के लिए नीति तैयार करेगी गहलोत सरकार

जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं को लेकर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार नई नीति तैयार करेगी। इस नीति के तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास की सुविधा तो मिलेगी, लेकिन स्टाफ सहित अन्य सुविधाओं में कटौती की जाएगी। नीति में प्रावधान किया जाएगा कि सरकार किसी भी नेता की वरिष्ठता के आधार पर आवास आवंटित कर सकती है। आवास आवंटन मुख्यमंत्री के विवेकाधिकार पर छोड़ने का प्रावधान होगा। सरकार वरिष्ठ विधायकों को आवास आवंटित करने लेकर भी नीति में प्रावधान करेगी। वर्तमान में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास आवंटित किए गए हैं। इनमें भाजपा की वरिष्ठ नेता और दो बार मुख्यमंत्री रही वसुंधरा राजे व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जग्गनाथ पहाड़िया शामिल हैं। पहाड़िया एक बार सीएम रहने के साथ ही बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं।

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विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, सरकार यह तय करने जा रही है कि दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास और सरकारी कार की सुविधा तो मिलेगी, लेकिन पूर्व की तरह नौ सरकारी कर्मचारियों का स्टाफ नहीं मिलेगा। टेलीफोन सहित अन्य सुविधाओं में भी आंशिक कटौती होगी। वसुंधरा राजे के ओएसडी के रूप में आईएएस अधिकारी गजानंद शर्मा लगे हुए हैं, अब सरकार उनका पदस्थापन किसी अन्य पद पर करने की तैयारी कर रही है। पूर्व उपराष्ट्रपति स्व.भैरोंसिंह शेखावत के बंगले को खाली कराने को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। अब इस बंगले में शेखावत के परिजन रहते हैं।

दिनभर नई नीति बनाने को लेकर हुई कसरत

दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को ही पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली आवास सहित अन्य सुविधाओं को असंवैधानिक करार दे चुका है। हाईकोर्ट ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधाएं नहीं दी जा सकती। सीएम गहलोत ने कहा कि पूर्व सीएम को बंगला देने को लेकर राज्य सरकार पॉलिसी तय करेगी।

सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, गहलोत पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला देने के नियम तय करना चाहते हैं, जबकि हाईकोर्ट ने साफ-साफ कह दिया है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को किसी भी तरह की सुविधा नहीं दी जा सकती है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगला खाली कराने का आदेश दे चुका है। इसके बावजूद राजस्थान के मुख्यमंत्री कोर्ट के आदेश के बीच कोई रास्ता तलाशते दिखाई दे रहे हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी, मुख्य सचिव, विधि सचिव और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव नई नीति को लेकर विचार-विमर्श में जुटे रहे।

तिवाड़ी ने बताया, दो हजार करोड़ का घोटाला

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि वसुंधरा राजे अपने आवास को बचाने के लिए साल, 2017 में पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास और सुविधाओं को लेकर विधेयक लेकर आई थी। तिवाड़ी ने कहा कि जयपुर के सिविल लाइंस स्थित बंगला नंबर 13 पर वसुंधरा राजे ने दो हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह कोई पूर्व मुख्यमंत्री का आवास नहीं बल्कि राजमहल है। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद वसुंधरा राजे के आवास को लोगों को दिखाना चाहिए कि किस तरह से सरकारी पैसे का दुरुपयोग हुआ था। उन्होंने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के फैसले को लागू करते हुए वसुंधरा राजे का आवास खाली कराए।


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