Rajasthan: राजनीतिक पार्टियों के लिए जमीन आवंटित करने की नीति बनाएगी गहलोत सरकार
Rajasthan राजस्थान में कांग्रेस भाजपा की तर्ज पर प्रदेश व जिला मुख्यालयों पर पार्टी के दफ्तरों के भवन बनाएगी। इसके लिए जमीन खरीदने या सरकार से आवंटन कराने को लेकर योजना बनाई है। पार्टी दफ्तरों के भवन बनाने का जिम्मा स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को सौंपा गया।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत राजनीतिक पार्टियों के दफ्तरों के लिए जमीन आवंटित करने को लेकर नीति बनाएगी। इसके लिए सरकार विधि विशेषज्ञों से सलाह ले रही है। वहीं, प्रदेश में कांग्रेस भाजपा की तर्ज पर प्रदेश और जिला मुख्यालयों पर पार्टी के दफ्तरों के भवन बनाएगी। इसके लिए जमीन खरीदने या सरकार से आवंटन कराने को लेकर योजना बनाई जा रही है। पार्टी दफ्तरों के भवन बनाने का जिम्मा प्रदेश के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को सौंपा गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सबसे पहले जयपुर में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय का भवन बनाने के लिए कहा है।
वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय जयपुर की चारदीवारी के अंदर काफी पुराना है। चारदीवारी के अंदर होने के कारण यहां स्थान की कमी होने के साथ ही वाहनों की पार्किंग में परेशानी होती है। कई जिलों कार्यालय या तो नेताओं के घर से चल रहे हैं या फिर किराए के भवनों से संचालित हो रहे हैं। डोटासरा ने बताया कि प्रदेश से लेकर जिला व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के दफ्तरों के भवनों के लिए ट्रस्ट बनाए जाएंगे। सोमवार को डोटासरा ने इस संबंध में सभी जिलों से रिपोर्ट मंगवाई है। जिला इकाइयों से पूछा गया कि क्या उनके पास खुद की जमीन है और यदि नहीं है तो अब तक दफ्तर कैसे संचालित हो रहे हैं। धारीवाल ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के लिए जमीन तलाशी जा रही है।
नया दफ्तर बनने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या राहुल गांधी से उद्धटान कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही राजनीतिक पार्टियों को जमीन आवंटित करने को लेकर नीति बनाने का फैसला किया है। दरअसल, कांग्रेस प्रदेश में लंबे समय तक शासन में रही, लेकिन जयपुर सहित लगभग सभी जिलों में उसके दफ्तर किराये के भवन में चल रहे हैं। वहीं, भाजपा ने अधिकांश जिलों में नये भवनों का निर्माण पिछले पांच साल में कराया है। भाजपा का अनुसरण करते हुए अब कांग्रेस ने भी जमीन लेकर दफ्तर बनाने का फैसला किया है।