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राजपूत नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले सकती है गहलोत सरकार

राजपूत नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले सकती है गहलोत सरकार-राजस्थान का चर्चित आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामला

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 09:39 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 09:39 AM (IST)
राजपूत नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले सकती है गहलोत सरकार
राजपूत नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले सकती है गहलोत सरकार

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान के चर्चित आनंदपाल सिंह मुठभेड़ और सांवराद में हुए उपद्रव के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की चार्जशीट में राजपूत समाज के 24 नेताओं को आरोपित बनाया है। उधर राजपूत समाज का कहना है कि आनंदपाल सिंह एनकाउंटर फर्जी था। पुलिस ने घेरकर आनंदपाल सिंह को मारा था। इस मामले को लेकर पिछले एक सप्ताह से राजपूत समाज उग्र हो गया। राजपूत नेताओं का कहना है कि उन्हे आरोपित बनाया जाना गलत है। आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है। अब राजपूत समाज को शांत करने के लिए अशोक गहलोत सरकार महाधिवक्ता एवं अन्य विधि विशेषज्ञों की राय ले रही है।

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गहलोत सरकार अब इस मामले में जल्द बड़ा फैसला कर सकती है। राज्य सरकार सीआरपीसी के सेक्शन-321 के प्रावधानों के तहत मामले की प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को वापस लेने के कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है। सीबीआई ने राज्य सरकार की भेजी गई जिस एफआईआर के तहत आगे जांच की है, राज्य सरकार उसे वापस ले सकती है।

सरकार इस विचार-विमर्श में जुटी है कि जिस तरह किसी भी प्रदेश की राज्य सरकारें मुकदमे वापस लेती हैं, उसी प्रक्रिया के तहत सांवराद मामले में दर्ज मुकदमे को भी वापस लेने के कानूनी पहलुओं और संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। महाधिवक्ता एवं विधि विशेषज्ञों से इस पर कानूनी राय आने के बाद अंतिम फैसला होगा। महाधिवक्ता की राय के बाद सांवराद मामले की एफआईआर को वापस लेने के लिए सरकार कोर्ट में अर्जी दायर कर सकती है। सीआरपीसी के सेक्शन-321 के तहत मुकदमा वापस लेने के लिए कोर्ट में अर्जी लगानी होती है, कोर्ट की अनुमति से ही मामले को वापस लिया जा सकता है।

पूर्व मंत्री भी हैं आरोपी

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के गैंगस्टर आनंदपाल सिंह की पुलिस के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई थी। आनंदपाल सिंह की मौत के बाद राजपूत समाज ने उसके गांव सांवराद में कई दिनों तक पुलिस के खिलाफ धरना दिया था। इस दौरान उपद्रव भी हुआ था। तत्कालीन राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। पिछले सप्ताह सीबीआई ने मुठभेड़ को सही बताया था व सांवराद में हुए उपद्रव के मामले में 24 लोगों को आरोपित बनाया है, जिसमें से अधिकांश राजपूत नेता हैं। इनमें कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा का नाम भी शामिल है। कांग्रेस समर्थक राजपूत नेता सीबीआई जांच पर सवाल उठाते हुए बीजेपी के इशारे पर राजपूत नेताओं को फंसाने के आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच गुढ़ा सहित कुछ राजपूत नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की है । 


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