उदयपुर की जलपरी गौरवी सिंघवी बनाएगी रिकार्ड
Gaurav Singhvi. महेश पालीवाल ने बताया कि गौरवी 11 जुलाई से लंदन में हैं जहां लंदन और डोवर में प्रेक्टिस कर रही हैं।
उदयपुर, जेएनएन। जलपरी भक्ति शर्मा के बाद उदयपुर की गौरवी सिंघवी एक नया रिकार्ड बनाने के लिए घंटों ब्रिटिश सागर में तैराकी के अभ्यास में जुटी है। वह इसी माह इंग्लिश चैनल पार करने वाली सबसे कम उम्र की तैराक बन सकती है। इससे पहले गौरवी 17, 37 और 47 किलोमीटर ओपन तैराकी में रिकार्ड स्थापित कर चुकी है।
गौरवी के स्विमिंग महेश पालीवाल ने बताया कि गौरवी 11 जुलाई से लंदन में हैं, जहां लंदन और डोवर में प्रेक्टिस कर रही हैं। लंदन में गौरवी गिनीज रिकॉर्ड होल्डर केविन ब्लिक, 15 बार इंग्लिश चैनल पार कर चुके निक एडम और दो बार इंग्लिश चैनल पार कर चुके डिएडरा के साथ प्रेक्टिस कर रही हैं। लंदन में फिलहाल पानी का तापमान 17 डिग्री है। गौरवी अगर कामयाब रहती हैं, तो राजस्थान से इंग्लिश चैनल पार करने वाली दूसरी महिला तैराक होंगी। ऐसा करने वाली पहली तैराक भक्ति शर्मा भी उदयपुर से हैं। आयु वर्ग तय होने के बाद वह देश की सबसे कम उम्र में इंग्लिश चैनल पार करने वाली पहली महिला खिलाड़ी होंगी। साथ ही, इस वर्ष इंग्लिश चैनल पार करने वाली भी सबसे कम उम्र की खिलाड़ी होंगी। कोच पालीवाल और स्थानीय खेल गांव के खेल अधिकारी ललितसिंह झाला इसी माह लंदन जा रहे हैं।
इससे पहले साल 2003 में भक्ति शर्मा ने इंग्लिश चैनल पार कर रिकार्ड बनाया था। तब गौरवी जिस समय शहर की एक जलपरी भक्ति शर्मा इतिहास रच रही थी, ठीक उसी साल इस क्षेत्र की एक नई प्रतिभा का जन्म हुआ जिसे आज लोग गौरवी सिंघवी के नाम से जानते हैं। डीपीएस स्कूल की दसवीं कक्षा की पंद्रह वर्षीय छात्रा गौरवी ने पिछले साल मुंबई में गर्वनर हाउस से गेटवे ऑफ इंडिया तक की 16.8 किमी की दूरी तीन घंटे 58 मिनट नॉन स्टॉप तैरकर कामयाबी हासिल की थी। इसके बाद मुंबई के अरब सागर में सी लिंक से गेटवे ऑफ इंडिया तक की 36 किमी की दूरी महज छह घंटे 36 मिनट में तय कर नया रिकॉर्ड कायम किया। जिसके लिए उसने उदयपुर के फतहसागर में आठ से दस घंटे प्रतिदिन तैराकी का अभ्यास किया था। पिछले साल पूना में एक्वेथलॉन चैैंपियनशिप में इकलौती लड़की होने तथा ‘राइजिंग स्टार’ अवॉर्ड का गौरव उसे मिला।
मां ने दिया हौंसला
कोच महेश पालीवाल बताते हैं गौरवी की मां शुभ सिंघवी ने बेटी को स्विमिंग के लिए हौंसला प्रदान किया। महज तीन साल की उम्र में गौरवी तैराकी की अभ्यास में जुट गई। कम उम्र में ही उसने सैकड़ों कीर्तिमान अपने नाम कर लिए। उसके स्टडी रूप की दीवारें, आलमारी के दरवाजे तथा सेल्फ सभी उसके मेडल तथा सर्टिफिकेट और पुरस्कारों से अटे पड़े हैं।
परिवार और पड़ोसियों ने छुड़वा दी थी तैराकी
जलपरी गौरवी ने जहां कई रिकार्ड अपने नाम किए और शहर ही नहीं, बल्कि देश का गौरव बढ़ाया, कभी उसके परिजनों और पड़ोसियों ने उससे तैराकी छुड़वाने की पूरी कोशिश की। एक समय ऐसा भी आया जब परिवार और पड़ोसियों के कहने पर गौरवी ने तैराकी से दूरी भी बना ली। किन्तु गौरवी की जिद के आगे पूरे परिवार को उसके लक्ष्य के आगे झुकना पड़ा। उसने दोबारा तैराकी शुरू की और फिर पीछे मु़ड़ कर नहीं देखा।
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