अलवर सामूहिक दुष्कर्म मामले में पांचों आरोपित गिरफ्तार
Alwar case. राजस्थान के अलवर में पति को बंधक बनाकर महिला से सामूहिक दुष्कर्म मामले में पांचों आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में अलवर जिले के थानागाजी में पति को बंधक बनाकर दलित महिला से हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले के मुख्य आरोपित हंसराज गुर्जर और उसके एक साथी छोटे लाल गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया गया है । हंसराज गुर्जर को बुधवार आधी रात बाद मथुरा और छोटेलाल गुर्जर को गुरुवार को रैणी से गिरफ्तार कर लिया गया। उनके एक साथी महेश को जयपुर जिले के शाहपुरा से पकड़ लिया गया। इस तरह सामूहिक दुष्कर्म के सभी पांच आरोपितों हंसराज गुर्जर,छोटे लाल गुर्जर, मुहेश,इंद्रराज गुर्जर, अशोक गुर्जर को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले का वीडियो वायरल करने वाले मुकेश को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार मामले की जांच के लिए जांच आयोग गठित करने और फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराने की तैयारी कर रही है। उधर, राज्य सरकार के मंत्री टीकाराम जूली ने इस मामले में पुलिस की मिलीभगत की बात सामने आने की बात कही है। उन्होंने कहा कि कुछ हद तक स्थानीय पुलिस आरोपितों से मिली हुई थी, पुलिसकर्मियों की कॉल डिटेल निकलवाकर जांच की जाएगी। पीड़िता के पति ने थानागाजी के पूर्व विधायक हेम सिंह भड़ाना पर पैसे लेकर समझौता करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। हालांकि भड़ाना ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।
दलित समुदाय में गुस्सा
इस मामले को लेकर दलित समुदाय का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर ने दलित युवती के साथ गैंगरेप करने वाले आरोपितों का सामाजिक बहिष्कार करने की मांग की है। उन्होंने मामले की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की भी मांग भी उठाई है। भीम आर्मी ने शुक्रवार को जयपुर बंद की घोषणा की है। दलित समाज के नेता और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी गुरूवार को पीड़ित दंपति से मिलने उनके गांव पहुंचे। दलित समाज इस मुद्दे को लेकर राज्य स्तर पर आंदोलन की तैयारी कर रहा है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने 11 मई को अलवर में बड़े आंदोलन की घोषणा की है। उन्होंने बुधवार को जयपुर के सिविल लाइंस पर प्रदर्शन किया था।
पुलिस के साथ मंत्री ने भी ग्रामीणों को टाला
26 अप्रैल को पति को बंधक बनाकर रेत के टीलों में दलित महिला के साथ दुष्कर्म मामले से नाराज ग्रामीण और दलित समाज को अब सरकार के किसी मंत्री या अफसर पर भरोसा नहीं है। लोगों में इनके प्रति गुस्सा है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले तो घटना के दिन ढ़ाई घंटे तक दंपति को यातना दी गई। पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाया गया। दो दिन तक वीडियो वायरल करने की धमकी देकर पैसों की मांग की। 30 अप्रैल को गांव के कुछ लोगों ने मंत्री टीकाराम जूली और पुलिस अफसरों को फोन कर व्यक्तिगत मुलाकात की। लेकिन सभी ने चुनाव में व्यस्तता का हवाला देकर टाल दिया। 30 अप्रैल को पीड़िता का पति अपना प्रार्थना-पत्र लेकर साढ़े चार घंटे तक पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में बैठा रहा। पुलिस अधीक्षक ने कठोर कार्रवाई करने के बजाय एसएचओ को खाली मार्क कर दिया। इस बीच, चार मई को वीडियो वायरल कर दिया गया।
एसएचओ बोले - वीडियो वायरल हो गया तो कोई बात नहीं, एक धारा और लगा देंगे
वीडियो वायरल होने के बाद पीडिता का पति जब थानागाजी पुलिस थाने एसएचओ सरदार सिंह से मिला और घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने की बात कही तो उन्होंने उस कहा-कोई बात नहीं एक वीडियो वायरल करने की एक नई धारा और मामले में जोड़ देंगे। उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक को हटाने के साथ ही एसएचओ को निलंबित कर दिया है ।
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