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Rajasthan: 30 हजार के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक लाख में खरीदने पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने अशोक गहलोत पर कसा तंज

Rajasthan केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि कोरोना में जब जनता की जान संकट में थी तब राजस्थान सरकार राजनीति में लगी थी कि कैसे मौके का फायदा उठाकर मोदी और केंद्र की छवि बिगाड़ी जाए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 02 Jul 2021 07:56 PM (IST)Updated: Fri, 02 Jul 2021 07:56 PM (IST)
30 हजार के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक लाख में खरीदने पर शेखावत ने गहलोत पर कसा तंज। फाइल फोटो

जोधपुर, संवाद सूत्र। तीस-पैंतीस हजार रुपये के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक लाख में खरीदने पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसा है। शेखावत ने कहा कि गहलोत को अब "आपदा में भी भ्रष्टाचार कैसे करें" शीर्षक से किताब लिखनी चाहिए। शुक्रवार को अपने बयान में शेखावत ने कहा कि कोरोना में जब जनता की जान संकट में थी, तब राजस्थान सरकार राजनीति में लगी थी कि कैसे मौके का फायदा उठाकर मोदी और केंद्र की छवि बिगाड़ी जाए। उन्होंने कहा कि फिर गहलोत को मौका दिखा कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की दलालों के जरिए खरीद से भी मुनाफा कमाया जा सकता है, इसलिए 30-35 हजार के कंसंट्रेटर एक लाख तक में खरीदे गए, जबकि पता था कि इन्हें कबाड़ में ही जाना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं उन जागरूक विधायकों की सराहना करता हूं, जिन्होंने घटिया कंसंट्रेटर को सीधे ना कह दिया। जनता की सेवा के लिए दी जाने वाली राशि को भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ाया जा सकता। शेखावत ने कहा कि महामारी में भी जिसे मुनाफा दिखे, वो व्यक्ति वो सरकार उन विदेशी आक्रांताओं की तरह है, जिन्होंने भारत की भोली-भाली जनता को शासन के नाम पर लूटा।

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बिजली बिलों की आड़ में जनता से लूट बर्दाश्त नहीं

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बिजली बिल की आड़ में हो रही वसूली को लेकर राजस्थान सरकार पर हमला बोला है। शेखावत ने कहा कि डिस्कॉम को यह अधिकार नहीं कि वह अपनी कोताही के एवज में उपभोक्ता अधिकारों का हनन करे। शेखावत ने कहा कि जनता इस सरकार के पास अपनी परेशानी लेकर जाती है तो या तो ये सोती हुई मिलती है या फिर अपनी विफलता को छिपाने या केंद्र के सिर मढ़ने का कोई नया बहाना बनाकर रोने बैठ जाती है। शेखावत ने कहा कि ये रोती हुई सरकार भी है। उन्होंने कहा कि बिगड़े हुए मीटरों की संख्या सात लाख है। मीटर खराब होना डिस्कॉम का सिरदर्द है, लेकिन इसे डाल दिया गया है आम उपभोक्ता के खाते में। नियम तोड़कर एक साल में दो से ज्यादा और मनमाने बिजली बिल भेजे जा रहे हैं। यह तो सरासर अवैध वसूली है। जनता को तंग करना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डिस्कॉम को नियम पालन करने ही होंगे, नहीं तो सरकार को जनता की अदालत में इसका परिणाम भुगतना होगा। जनता से लूट बर्दाश्त नहीं की जा सकती। 


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