Rajasthan: कैंसर के इलाज के नाम पर ठगी, केस दर्ज होने पर बाबा फरार
Rajasthan बाबा पर कैंसर रोग से शर्तिया उपचार के नाम पर सोशल मीडिया पर नेटवर्क बनाकर ठगी करने का आरोप है। ठगी का मामला दर्ज होने के बाद जांच शुरू की गई तो पता चला कि बिना किसी डिग्री के ही बाबा रोगियों का उपचार कर रहा है।
उदयपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के चंदेरिया कस्बे में एक बाबा पर कैंसर रोग से शर्तिया उपचार के नाम पर सोशल मीडिया पर नेटवर्क बनाकर ठगी करने का आरोप है। ठगी में उसके लिए कई रसूखदार लोग भी सहयोग करते आए हैं। ठगी का मामला दर्ज होने के बाद आयुर्वेद विभाग ने जांच शुरू की तो पता चला कि बिना किसी डिग्री के ही बाबा रोगियों का उपचार कई वर्षों से करता आया है। चंदेरिया कस्बे के बाहरी हिस्से में कथित बाबा भगवान दास ने बाबा घाट के नाम से आश्रम बना रखा है। जहां कई साल से कैंसर रोगियों का उपचार जारी है। जिसको लेकर पहली बार ठगी का मामला सामने आने के बाद पुलिस तथा आयुर्वेद विभाग की सक्रियता बढ़ी है।
जिला आयुर्वेद अधिकारी इंदुशेखर का कहना है कि बाबा भगवान दास के पास किसी तरह डिग्री नहीं है। पता चला है कि वह आयुर्वेद तरीके से कैंसर रोगियों का उपचार कर रहे थे। इस संबंध में उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट विभाग को भेज दी है। चंदेरिया थाना पुलिस ठगी को लेकर जांच में जुटी है। पुलिस का कहना है कि गांधीनगर निवासी जगदीश चंद्र शर्मा ने दो दिन पूर्व बाबा भगवान दास के खिलाफ ठगी की शिकायत दी थी। जिसमें आरोप लगाया कि वह उनके बेटे राहुल शर्मा के कैंसर रोग का उपचार कराने यहां आए थे। यूट्यूब और फेसबुक के माध्यम से बाबा के प्रचार की वीडियो देखकर उनका परिवार उनके झांसे में आ गया तथा पिछले नौ माह से वह राहुल का उपचार यहां करा रहे थे।
राहुल की तबियत में सुधार आने की बजाय बिगड़ने लगी तो उन्होंने कैंसर रोग विशेषज्ञों से सलाह ली तो उन्होंने पूर्व में कराए उपचार से हुए नुकसान के चलते हाथ खड़े कर दिए। जबकि बाबा भगवान दास ने शर्तिया उपचार कराने के नाम पर उनसे लाखों रुपये ले लिए। मामले के जांच अधिकारी सुरेश गिरी ने बताया कि बाबा भगवान दास के पास किसी तरह की डिग्री नहीं है। बाबा के इस काले कारोबार को चलाने के लिए एक पूरा गिरोह सोशल मीडिया पर सक्रिय है, जो बाबा के सोशल मीडिया और काले धन के मैनेजमेंट को देखता है।
पुलिस ने जांच शुरू की तो बाबा फरार
पुलिस के तलब किए जाने के बाद बाबा के फरार होने की जानकारी सामने आई है। बताया गया कि बाबा के लिए काम करने वाले कुछ रसूखदारों ने उन्हें आश्रम से दूसरी जगह भेज दिया है।