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चार नाबालिगों के बाल विवाह से मचा हड़कंंप, किशोरियों के परिजन को कोर्ट से कराया पाबंद

आखातीज के अवसर पर शादियों की धूम रही। आखातीज पर बाल विवाह को लेकर जिला प्रशासन भी अलर्ट रहा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 08 May 2019 01:09 PM (IST)Updated: Wed, 08 May 2019 01:09 PM (IST)
चार नाबालिगों के बाल विवाह से मचा हड़कंंप, किशोरियों के परिजन को कोर्ट से कराया पाबंद
चार नाबालिगों के बाल विवाह से मचा हड़कंंप, किशोरियों के परिजन को कोर्ट से कराया पाबंद

अजमेर, (जेएनएन)। जिले में अक्षय तृतीया पर होने वाले संभावित बाल विवाहों को रुकवाने की तैयारियों में जुटी पुलिस को कल रात पीसागंन थाना इलाके के एक गांव में चार नाबालिग किशोरियों का बाल विवाह होने की सूचना से जिला पुलिस व प्रशासन हरकत में आ गया, पुलिस ने रात को मौके पर जाकर वहां मिली चार नाबालिग किशोरियों को तथा उनके माता व पिताओं को पुलिस संरक्षण में ले लिया, बाद में किशोरियों के माता व पिताओं को मंगलवार सुबह कोर्ट में पेश करके भविष्य में अपनी नाबालिग पुत्रियों का बाल विवाह नहीं करने के लिए कोर्ट से पाबंद कराने के बाद चेन की सांस ली।

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पीसांगन थाना प्रभारी अमरचंद ने बताया कि कल रात को पुलिस नियत्रंण कक्ष से उनको बताया गया था कि पीसांगन स्थित मुकंद सिंह की ढाणी में मौसर का आयोजन किया जा रहा है तथा वहीं पर चार नाबालिग कन्याओं को भी परणाया जाएगा। इस सूचना के मिलते ही थाना प्रभारी मय पुलिस जाप्ते के मुकन्द सिंह की ढाणी पहुंचे तो वहां बाल विवाह तो होते नहीं पाया, लेकिन वहां पर चार नाबालिग किशोरियों की मौजूदगी देखकर पुलिस ने किशोरियों के माता-पिता को हिरासत में लेकर सुबह अदालत में पेश करके पाबंद कर दिया।

बताया जा रहा है कि पीसांगन में बाल विवाह होने की सूचना अजमेर जिला पुलिस कंट्रोल कक्ष को किसी मुखबिर ने दी थी, जिस पर पुलिस व प्रशासन ने समय रहते कार्यवाही करके बाल विवाह को रुकवा दिया।

अक्षय तृतीया पर शादियों की रही धूम

शहर सहित जिले भर में मंगलवार को आखातीज के अवसर पर शादियों की धूम रही। आखातीज पर बाल विवाह को लेकर जिला प्रशासन भी अलर्ट रहा। आखातीज पर बाल विवाह न हो, इसके लिए अधिकारी पैनी नजर रखे हुए रहे, हालांकि समाचार लिखे जाने तक बाल विवाह की कोई सूचना व शिकायत नहीं मिली। बाल विवाह को लेकर जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने अधिकारियों को पुख्ता निगरानी के निर्देश दिए हैं।

जिला कलेक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि कलेक्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, उपखण्ड अधिकारी एवं तहसील कार्यालयों में इस संबंध में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि उपखण्ड अधिकारी व तहसीलदारों को बाल विवाह निषेध अधिकारी के रूप में सक्रिय रहकर बेहतर तरीके से कर्तव्यों का निर्वहन करने के निर्देश जारी किए हैं। गांव के प्रमुख व्यक्तियों की पहचान कर, उन्हें बाल विवाह रुकवाने की जिम्मेदारी दी गई है। 

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