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ओपी रावत बोले, कैलकुलेटर जैसी हैं ईवीएम, इसलिए नहीं हो सकती इनसे छेड़छाड़

OP Rawat. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत के मुताबिक, भारत में ईवीएम कैलकुलेटर की तरह हैं, इसलिए इनसे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 05:29 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 06:55 PM (IST)
ओपी रावत बोले, कैलकुलेटर जैसी हैं ईवीएम, इसलिए नहीं हो सकती इनसे छेड़छाड़
ओपी रावत बोले, कैलकुलेटर जैसी हैं ईवीएम, इसलिए नहीं हो सकती इनसे छेड़छाड़

जयपुर, जेएनएन। देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत का कहना है कि हमारी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) कैलकुलेटर जैसी हैं, इसलिए इनसे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। रावत ने शुक्रवार को जयपुर में एक कार्यक्रम में कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को ईवीएम के बारे में शिकायत थी। चुनाव आयोग को भी आलोचना का सामना करना पड़ा, क्योंकि सभी राजनैतिक पार्टियों ने ऐसी धारणा बना दी कि ईवीएम एक पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए एक अच्छा माध्यम हैं। इससे आम आदमी के दिमाग में संशय पैदा हो गया, लेकिन जांच में चुनाव आयोग इस मामले में बिल्कुल साफ निकला। ईवीएम में किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।

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रावत ने कहा कि हमारे यहां ईवीएम अप्रचलित प्रौद्योगिकी पर आधारित हैं, ताकि इसमें छेड़छाड़ नहीं की जा सके। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में आधुनिक ईवीएम का प्रयोग किया जाता है, जिनमें वाई फाई तकनीक, इंटरनेट से जुड़ी मशीनें होती हैं, लेकिन भारत की ईवीएम केवल कैलकुलेटर जैसी ही हैं। इसमें वाईफाई और इंटरनेट की सुविधा नहीं है, इसलिए छेड़छाड़ की गुजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि हाल के चुनावों में काम में ली गई ईवीएम में यदि कोई छेड़छाड़ की कोशिश करता तो वह फैक्टरी मोड में चली जाती हैं। रावत ने कहा कि दुनिया के सामने आज जनता की राय को प्रभावित करने के लिए फर्जी खबरे और एक समूह को लक्ष्य कर किए जाने वाला संवाद प्रमुख चुनौतियां है।

उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में मीडिया की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। मीडिया को लोगों को जागरूक बनाना चाहिए और जनता के हितों को सर्वोपरि रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया में देश के सैनिकों की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में काम किया है। इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट के प्रयोग से उनकी भागीदारी बढ़ी है।


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