रणथंभौर में बाघों के बीच टकराव की आशंका, बाघ टी-104 फिर से जोन-6 में लौटा
tiger in Ranthambore. बाघों के बीच होने वाली वर्चस्व की लड़ाई के चलते टी-104 इस इलाके से बाहर चला गया था। अब टी-104 फिर से जोन-6 में आया है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्थित रणथंभौर सेंचूरी में काफी चर्चा में रहा बाघ टी-104 फिर से जोन-6 में लौट आया है। इस बाघ को पर्यटकों के एक दल ने अपने कैमरों में कैद किया है। अभी कुछ दिनों पहले ही रणथंभौर बाघ परियोजना में आने वाले कैलादेवी अभ्यारण में बाघ के हमले में रूपसिंह माली नाम के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। वन विभाग को अंदेशा है कि रूप¨सह पर हमला टी-104 ने ही किया था। हालांकि इस बारे में अभी तक कोई पुष्टि नहीं हो सकी है।
बाघों के बीच होने वाली वर्चस्व की लड़ाई के चलते टी-104 इस इलाके से बाहर चला गया था। अब टी-104 फिर से जोन-6 में आया है। पर्यटकों ने जब इसे अपने कैमरे में कैद किया तो बाघ कुछ चिड़चिड़ा नजर आ रहा था। टी-104 के जोन-6 में दाखिल होने से यहां बाघों के आपसी टकराव की आशंका बढ़ गई है। इस जोन में पहले से कुछ बाघ मौजूद हैं। कुंभा के नाम से प्रसिद्ध बाघ टी-34 जोन-6 में ही है। ऐसे में टी-34 के साथ टी-104 के टकराव की संभावना बढ़ गई है। इसके अलावा और आगे बढ़ने पर इसे टी-57 और टी-58 का सामना भी करना पड़ सकता है। जोन-6 में ही टी-8 नाम की बाघिन अपने दो शावकों जय और वीरू के साथ मौजूद है।
वयस्क बाघों के संघर्ष में इन बाघ शावकों पर भी खतरा बना हुआ है। सीमित क्षेत्र में बाघों की संख्या बढ़ जाने से रणथंभौर में बाघों की शि¨फ्टग पर विचार किया जा रहा है। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वर्चस्व की लड़ाई में न केवल बाघों की जान को खतरा है बल्कि इंसान व बाघ के बीच टकराव की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। रणथंभौर में बाघों के बीच संघर्ष के हालात उत्पन्न नहीं हो इसको लेकर वन विभाग के अधिकारियों ने रणनीति बनाना शुरू कर दिया है।