स्कूली बच्चों को यौन शोषण, दुष्कर्म से बचाने के लिए राजस्थान में चलाया जाएगा सुरक्षित स्कूल अभियान
स्कूली बच्चों को यौन शोषण दुष्कर्म जैसे अपराधों से बचाने के लिए राजस्थान में सुरक्षित स्कूल अभियान चलाया जाएगा।
जयपुर, मनीष गोधा। स्कूली बच्चों को यौन शोषण, दुष्कर्म जैसे अपराधों से बचाने के लिए राजस्थान के सुरक्षित स्कूल अभियान चलाया जाएगा। अभियान के पहले चरण में पांच जिलों के 25 स्कूलों का माॅडल सुरक्षित स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा और फिर अन्य स्कूलों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा।
राजस्थान पुलिस, सेंटर फाॅर चाइल्ड प्रोटेक्शन, सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा व दाण्डिक न्याय विश्वविद्यालय और युनिसेफ की ओर से यह अभियान चलाया जाएगा। अभियान के उन पांच जिलों का चयन किया गया है जहां पिछले एक वर्ष में पोक्सो (बाल यौन उत्पीडन संरक्षण अधिनियम) एक्ट के तहत सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए है।
राजस्थान में पिछले कुछ समय में बच्चों के साथ अपराध के मामले तेजी से बढे है। छोटे बच्चों के साथ दुष्कर्म और यौन उत्पीडन के मामलों में काफी तेजी आई है। पुलिस विभाग के आंकडों के अनुसार राजस्थान में वर्ष 2018 और 2019 में जुलाई तक पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों में 66.69 प्रतिशत की बढोतरी हुई है। पिछले वर्ष जुलाई तक जहां 1180 मामले दर्ज हुए थे, वहीं इस बार 1967 मामले दर्ज हो चुके थे।
पुलिस रेंज के आधार पर देखें तो सर्वाधिक बढोतरी जयपुर कमिश्नरेट यानी जयपुर शहर के क्षेत्र में हुई जहां पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष जुलाई तक 218 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की गई। इन मामलों की बढती संख्या को देखते हुए ही बच्चों को उनके साथ होने वाले अपराधों और उनके लिए उपलब्ध कानूनी मदद के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
अभियान के लिए जयपुर, जोधपुर, अलवर, अजमेर और जैसलमेर जिलो का चयन किया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक नथमल डिडेल के अनुसार इन जिलों में पिछले एक वर्ष में पोक्सो एक्ट के तहत सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए है और इसी आधार पर अभियान के लिए इन जिलो का चयन किया गया है। इन पांच जिलों के सीनियर सैकेण्डरी स्तर के पांच-पांच स्कूलों को सुरक्षित स्कूल अभियान के माॅडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा।
अभियान के तहत चयनित स्कूलों में कक्षा 12 तक के बच्चों को उनके साथ होने वाले अपराधों, यौन उत्पीडन आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी और उनसे बचने के तरीके भी बताए जाएंगे। इसके साथ ही यह भी बताया जाएगा कि ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न हो तो उनके लिए पुलिस और कानून की क्या सहायता उपलब्ध है। अभियान के तहत वहां के पुलिस अधिकारियों और स्कूल के शिक्षक व कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। अभियान से राष्ट्रीय सेवा योजना और एनसीसी के स्वयंसेवकों को भी जोडा जाएगा। अभियान के जरिए यह भी कोशिश होगी कि पुलिस का बच्चों से जुडाव बढे और पुलिस तक पहुंचने में उनकी झिझक खत्म हो। अभियान के लिए हर माह की गतिविधियां तय की गई है और अगले वर्ष अप्रेल तक यह अभियान चलेगा।चयनित जिलों में एक वर्ष में पोक्सो के तहत दर्ज मामलो की स्थिति ( जुलाई तक)
जिला प्रतिशत बढोतरी
जयपुर कमिश्नरेट 218.87
जयपुर ग्रामीण 167.86
जोधपुर कमिश्नरेट 14.58
जोधपुर ग्रामीण 111.76
अलवर 114.71
अजमेर 78.72
जैसलमेर 260