2 साल तक के बछड़ों के निर्यात की छूट,कत्लखाने नहीं ले जाने की शर्त
राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने कत्लखाने नहीं ले जाने की शर्त पर 2 साल तक की उम्र के बछड़ों के निर्यात की छूट दी है।
जयपुर,[जागरण संवाददाता] । राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने कत्लखाने नहीं ले जाने की शर्त पर 2 साल तक की उम्र के बछड़ों के निर्यात की छूट दी है। इसके लिए सरकार ने कानून में संशोधन किया है। अब तक 3 साल से कम उम्र के बछड़ों के निर्यात पर पाबंदी थी । मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केबिनेट की बैठक में 2 साल तक की उम्र के बछड़ों के निर्यात की छूट देने का निर्णय हुआ ।
राज्य के संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि नये प्रावधान के लिए राजस्थान गोवंशीय पशु वध का प्रतिबंध और अस्थायी प्रवर्जन या निर्यात का विनियमन अधिनियम-1995 में संशोधन किया है । संशोधित कानून में गोवंश तस्करी के उपयोग में आने वाले वाहनों को जब्त कर आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने का भी प्रावधान किया गया है ।
गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया की अध्यक्षता वाली राज्य मंत्रिमंडलीय उप समिति ने पिछले दिनों सिफारिश 2 साल तक के बछड़ों के निर्यात की छूट देने की सिफारिश की थी । समिति का कहना था कि 3 साल से कम उम्र के गोवंश को राज्य के बाहर निर्यात नहीं कर पाने के कारण प्रदेश के पशुपालकों और बाहर के खरीददारों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है । यही नहीं,कृषि और प्रजनन कार्य के लिए नए बछड़ों को तैयार अथवा प्रशिक्षित करने में डेढ़ साल तक लग जाता है । अत: राज्य की समस्त गोवंशीय देशी प्रजातियों के नर बछड़ों को कृषि एवं प्रजनन के लिए दो साल तक की उम्र में राज्य के बाहर निर्यात करने करने की छूट दी जानी चाहिए ।हालांकि पिछले कुछ समय से हरियाणा से सटे राजस्थान के अलवर एवं भरतपुर जिलों से हो रही गौ-तस्करी एवं तस्करों की पुलिस के साथ मुठभेड़ के बीच सरकार का यह निर्णय चौंकाने वाला है ।