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राजस्थान की हर पंचायत समिति में होंगे 50 सड़क सुरक्षा अग्रदूत, हर रोज औसतन 61 दुर्घटनाएं हो रही है

राजस्थान में सड़क सुरक्षा के लिए हर पंचायत समिति में 50-50 सड़क सुरक्षा अग्रदूत तैयार किए जाएंगे। ये अग्रदूत सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में स्वयंसेवक की तरह काम करेंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 01:05 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2019 01:05 PM (IST)
राजस्थान की हर पंचायत समिति में होंगे 50 सड़क सुरक्षा अग्रदूत, हर रोज औसतन 61 दुर्घटनाएं हो रही है
राजस्थान की हर पंचायत समिति में होंगे 50 सड़क सुरक्षा अग्रदूत, हर रोज औसतन 61 दुर्घटनाएं हो रही है

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में सड़क सुरक्षा के लिए हर पंचायत समिति में 50-50 सड़क सुरक्षा अग्रदूत तैयार किए जाएंगे। ये अग्रदूत सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में स्वयंसेवक की तरह काम करेंगे। राजस्थान में यह अपनी तरह का पहला प्रयोग होगा। 

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सड़क दुर्घटनाओं के मामले में राजस्थान का रिकाॅर्ड बहुत अच्छा नहीं है। राजस्थान सरकार की सड़क सुरक्षा सम्बन्धी वेबसाइट के आंकडों के अनुसार राजस्थान में हर रोज औसतन 61 दुर्घटनाएं हो रही है और इनमें औसतन 28 लोगों की रोज मौत हो रही है। ये ज्यादातर दुर्घटनाएं राष्ट्रीय और राज्य हाइवे के आस-पास होती है। समय पर सहायता नहीं मिलने के कारण बहुत से लोग अपनी जान गंवा देते है। इसी को देखते हुए राजस्थान सरकार के परिवहन विभाग ने यह नया प्रयोग शुरू किया है।

राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बताया कि सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में स्वयंसेवक के तौर पर काम करने के लिए विभाग प्रदेश भर में करीब 15 हजार अग्रदूतों को प्रशिक्षण दिलाएगा। इन्हें विशेष मोनोग्राम के साथ हैलमेट दिए जाएंगे। इनको परिवहन विभाग और एनजीओ के माध्यम से सड़क सुरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। क्षेत्र में कोई भी सड़क दुर्घटना होने या मार्ग जाम होने की स्थिति में भी ये अग्रदूत प्रशासन का सहयोग करेंगे। इसके साथ ही सडक सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक भी करेंगे, ताकि दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आए। 

उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा का लक्ष्य तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक आम आदमी इससे न जुड़े। इसके लिए परिवहन विभाग के साथ सभी हितधारक विभाग, एनजीओ और आम आदमी के सहयोग से राज्य में सड़क दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली मौतों में कमी लाने के प्रयास किए जाएंगे। 

परिवहन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष घोषित सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाने के साथ ही समय पर और अधिक सड़क सुरक्षा गतिविधियां आयोजित की जाएंगी और हर माह इनकी समीक्षा भी की जाएगी। खाचरियावास ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण को निर्देश दिए गए हैं कि गांवों से राष्ट्रीय राजमार्ग पर मिलने वाली सड़कों के जंक्शन को सुरक्षित बनाएं और समय पर सड़क की मरम्मत करें। इसके साथ ही पशुओं के सड़क पर आवागमन को रोकने के लिए टोल ले रही कम्पनियों को पाबन्द किया जाए। परिवहन मंत्री ने कहा कि अगर सड़क काटने के कारण या गड्ढों के कारण कोई दुर्घटना होती है या किसी की मौत होती है तो इसमें उस सड़क की जिम्मेदार एजेंसी व अधिकारियेां की जिम्मेदारी तय की जाएगी।  

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