Rajasthan: उदयपुर में आदमखोर तेंदुए के आतंक का अंत, पकड़ा गया
आठ ट्रेकुलाइज टीमें बीस पिंजरे बीस कैमरे तथा अस्सी वनकर्मी चार दिन से थे सक्रिय केवड़ा की नाल में लगाए पिंजरे में आदमखोर तेंदुआ पकड़ में आ गया।शेखावत ने कहा कि विभाग ने आदमखोर तेंदुए के शिकार के आदेश जारी कर दिए गए लेकिन उसका पकड़ा जाना सुकून भरा रहा।
उदयपुर, संवाद सूत्र। जिले के जावरमाइंस क्षेत्र में एक महीने के दौरान दो महिलाओं का शिकार करने तथा अन्य चार लोगों को जख्मी करने वाले आदमखोर को पकड़ने में वन विभाग की टीम ने गुरुवार को सफलता हासिल कर ली। उसे पकड़ने के लिए वन विभाग के अस्सी कर्मचारी, आठ ट्रेकुलाइज टीमों के साथ उसे पकड़ने में जुटे थे। इसके लिए बीस पिंजरे तथा बीस कैमरे लगाकर उस पर निगाह रखे हुए थे।
क्षेत्रीय वन अधिकारी सुरेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि गुरुवार सुबह वन विभाग की टीम को आदमखोर तेंदुए को पकड़ने में सफलता मिली। उसे ट्रेकुलाइज करने के बाद सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ले जाया जाएगा। जहां पशु चिकित्सकों की टीम उसका मेडिकल करेगी। बताया गया कि केवड़ा की नाल में लगाए पिंजरे में आदमखोर तेंदुआ पकड़ में आ गया। शेखावत ने कहा कि विभाग ने आदमखोर तेंदुए के शिकार के आदेश जारी कर दिए गए लेकिन उसका पकड़ा जाना सुकून भरा कदम रहा है। विभाग की टीम भी नहीं चाहती थी कि तेंदुए का शिकार किया जाए। फिलहाल उसे सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में ऐसी जगह रखा जाएगा। भविष्य में उसके दोबारा जंगल में छोड़ने या पार्क के डिस्पले ऐरिया में रखे जाने का निर्णय किया जाएगा।
एक महीने में दो महिलाओं का शिकार, चार लोगों को कर चुका था जख्मी
जावरमाइंस क्षेत्र के सिंघटवाड़ा क्षेत्र में आदमखोर तेंदुआ एक महीने के दौरान दो महिलाओं का शिकार कर चुका था। इसके अलावा अन्य चार लोगों का भी उसने शिकार करने का प्रयास किया, जिनमें एक महिला की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। एक महीने के दौरान कई मवेशियों के शिकार किए जाने से सिंघटवाड़ा ही नहीं, बल्कि समूचे जावरमाइंस क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोग भयभीत थे। उसके पकड़े जाने पर वन विभाग ने ही नहीं, बल्कि ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली है।