Mahashivratri 2021: महाशिवरात्रि पर पहली बार नहीं खुलेगा एकलिंगनाथ मंदिर
Mahashivratri 2021 कोरोना संक्रमण के चलते 10 से 12 मार्च तक एकलिंगनाथ मंदिर बंद रहेगा हालांकि अंदर परंपरागत तरीके से सेवा-पूजा जारी रहेगी। एकलिंगजी ट्रस्ट ने माना है कि महाशिवरात्रि पर होने वाली भीड़ को रोक पाना तथा कोरोना गाइड लाइन की पालना कराना मुश्किल भरा काम है।
उदयपुर, संवाद सूत्र। Mahashivratri 2021: मेवाड़ के महाराणा खुद को भगवान एकलिंगनाथ को शासक और खुद को दीवान मानते थे। जब से यह मंदिर बना तब से महाशिवरात्रि पर एकलिंगनाथ के दर्शन के लिए मेवाड़ की जनता उमड़ पड़ती है। किन्तु इतिहास में पहली बार होगा, जब महाशिवरात्रि पर भगवान एकलिंगनाथ के दरवाजे बंद रहेंगे। इसका कारण में उदयपुर में कोरोना संक्रमण के बढ़ता हुआ प्रभाव। कोरोना संक्रमण के चलते 10 से 12 मार्च तक मंदिर बंद रहेगा, हालांकि अंदर परंपरागत तरीके से सेवा-पूजा जारी रहेगी। एकलिंगजी ट्रस्ट ने माना है कि महाशिवरात्रि पर होने वाली भीड़ को रोक पाना तथा कोरोना गाइड लाइन की पालना कराना मुश्किल भरा काम है। इसके चलते आगामी दस से बारह मार्च तक मंदिर बंद रहेगा।
जानकार बताते हैं इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब महाशिवरात्रि पर दर्शनार्थी भगवान एकलिंगनाथ के दर्शन नहीं कर पाएंगे। एकलिंगनाथ ट्रस्ट के उप सचिव (प्रशासन) अजय विक्रमसिंह ने इस संबंध में अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) अशोक कुमार को पत्र भेजकर उन्हें अवगत कराया है। जिसमें बताया गया कि आगामी 11 मार्च को महाशिवरात्रि है। उदयपुर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के चलते कोरोना गाइडलाइन की पालना संभव नहीं हो पाने के चलते आम दर्शनार्थियों के स्वास्थ्य व व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए मंदिर बंद रखने का निर्णय लिया है। हालांकि इस अवधि में सेवा-पूजा निर्बाध रूप से संपादित होती रहेगी। हालांकि दस दिन पहले प्रशासन के साथ हुई बैठक में तय किया गया था कि महाशिवरात्रि पर मंदिर परिसर में एक साथ दो सौ से अधिक लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
जबकि पिछले दिनों उदयपुर के अंबामाता में एक साथ 29 लोगों के कोरोना पॉजीटिव मिलने के बाद मंदिर बंद रखने का निर्णय करना पड़ा। उल्लेखनीय है कि महाशिवरात्रि के एक दिन पहले से उदयपुर जिले के हजारों भक्त भगवान एकलिंगनाथ के दर्शन के लिए पैदल यात्रा पर निकल जाते हैं। यहां तीन दिन तक मेला आयोजित होता है। जो इस बार आयोजित नहीं हो पाएगा।
आठवीं सदी में बना था एकलिंगनाथ मंदिर
भगवान एकलिंगनाथ मंदिर के निर्माण को लेकर इतिहास में कोई लिखित प्रमाण उपलब्ध नहीं, लेकिन जनश्रुति के अनुसार इसका निर्माण बप्पा रावल ने आठवीं शताब्दी में कराया था। बाद में उदयपुर के महाराणा मोकल ने इसका जीर्णोद्धार करवाया तथा महाराणा रायमल ने इसको नया स्वरूप दिया जो वर्तमान में मौजूद है। मुख्य मंदिर के अलावा इस परिसर में कुल 108 मंदिर हैं।