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Gujjar Reservation Movement: राजस्थान में आरक्षण को लेकर फिर उग्र हुए गुर्जर, दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग बाधित; ट्रेनें रद

Gujjar Reservation Movement राजस्थान में अति पिछड़ा वर्ग में पांच फीसद आरक्षण का मामला संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने बैंकलॉग पूरा करने देवनारायण बोर्ड के गठन सहित विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान के गुर्जर रविवार को उग्र हो गए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 02:44 PM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2020 09:07 PM (IST)
Gujjar Reservation Movement: राजस्थान में आरक्षण को लेकर फिर उग्र हुए गुर्जर, दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग बाधित; ट्रेनें रद
गुर्जर आंदोलन के चलते राजस्थान के आठ जिलों में रासुका व एक में धारा 144 लागू।

जागरण संवाददाता, जयपुर। Gujjar Reservation Movement: राजस्थान में गुर्जर एक बार फिर रेल पटरी पर पहुंच गए हैं। अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) में पांच फीसद आरक्षण का मामला संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने, बैंकलॉग पूरा करने, देवनारायण बोर्ड के गठन सहित विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान के गुर्जर रविवार को उग्र हो गए। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला द्वारा भरतपुर के पिलूकापुरा में बुलाई गई महापंचायत में पहुंचे युवाओं ने अड्डा बयाना में दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर रेलवे ट्रैक की पटरी उखाड़ दी। पटरी पर कब्जा करने के साथ ही जगह-जगह गड्ढ़े कर दिए गए। फिश प्लेट उखाड़ने से दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग बाधित हो गया। आधा दर्जन ट्रेनों को रोक दिया गया।

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फतेजसिंहपुरा-डूमरिया रेलवे स्टेशन के बीच पटरी की फिश प्लेट उखाड़ने के साथ ही उग्र गुर्जरों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कर्नल बैंसला ने रविवार को महापंचायत के बाद चक्काजाम का आह्वान किया था, लेकिन उग्र युवाओं ने इससे पहले ही पटरी उखाड़ दी। सरकार की तरफ गुर्जर नेताओं को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन शाम तक कोई समझौता नहीं हो सका। गुर्जरों को मनाने के लिए राज्य के खेलमंत्री अशोक चांदना पिलूकापुरा पहुंचे और सरकार की तरफ से अब तक किये गए कार्यों की जानकारी दी। चक्काजाम को देखते हुए सरकार ने भरतपुर व करौली जिलों में रोड़वेज की बसों का संचालन बंद कर दिया गया।

भरतपुर, करौली,सवाईमाधोपुर,दौसा जिलों के साथ ही जयपुर की तीन तहसीलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासूका) लागू किया गया है। भरतपुर में धारा-144 लागू की गई।इसमें पांच या इससे अधिक लोग एक साथ एकत्रित नहीं हो सकते। हालांकि गुर्जरों का इस पर असर नहीं हुआ। गुर्जर बहुल जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया। पुलिस की 23 कंपनियां और रेलवे पुलिस फोर्स के जवान तैनात किए गए हैं। आधा दर्जन आईएएस और एक दर्जन राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को गुर्जर बहुल इलाकों में तैनात किया गया है।

दो गुटों में बंटे गुर्जर नेता

इसी बीच, गुर्जर नेता दो गुटों में बंट गए। एक गुट बैंसला का है। वहीं, दूसरा गुट हिम्मत सिंह का है, जिसने शनिवार को सरकार के साथ वार्ता की। इस वार्ता में 14 बिंदुओं पर सहमति बनी थी। हिम्मत सिंह ने गुर्जर आंदोलन की जरूरत नहीं बताई थी, लेकिन बैंसला गुट ने इसे नहीं माना। हिम्मत सिंह ने कहा कि बैंसला भाजपा के इशारे पर अपने बेटे विजय को राजनीति में स्थापित करने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। रविवार दोपहर बाद पिलूकापुरा में हुई महापंचायत के बीच राज्य सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना ने बैंसला से मोबाइल पर बात की।

उन्होंने बताया कि सरकार ने गुर्जरों सहित पांच जातियों को एमबीसी में आरक्षण दिया गया है। यह मामला नौवीं अनुसूची में शामिल कराने को लेकर राज्य सरकार की तरफ से दो बार केंद्र सरकार को पत्र लिखा जा चुका है। इस पर बैंसला चांदना के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्हें धरना स्थल पर बुलाया। चांदना ने कहा कि वे जयपुर से बाहर हैं। अभी नहीं आ सकते। इस पर कर्नल ने कहा कि वे भले ही हेलीकॉप्टर से आएं, लेकिन यहां पहुंच जाएं। इस पर चांदना ने तीन घंटे में पीलूपुरा पहुंचने का आश्वासन दिया। उल्लेखनीय है कि गुर्जर आंदोलन कई बार हुआ है। इसमें 72 लोगों की मौत हुई है। लंबे आंदोलन के बाद सरकार ने गुर्जर, रायका, रैबारी, गाड़िया लुहार व बंजारा जातियों को पांच फीसद आरक्षण दिया था।


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