Rajasthan: दबंगों के डर से बांसवाड़ा के पांच परिवार 11 महीनों से खा रहे दर-दर की ठोकर, न्याय की गुहार लगाई
Rajasthan पलायन करने वालों में रमेश चंद्र कटारा का भाई सुभाष भी शामिल है। जिसने दबंगों के भय से परिवार सहित गांव छोड़ दिया था और वह मजदूरी करने अहमदाबाद चला गया था। एक-एक कर उनके तीन और रिश्तेदारों के परिवार घर छोड़कर चले गए।
उदयपुर, संवाद सूत्र। पिछले साल 22 जून की रात, जिसे बांसवाड़ा जिले की आनंदपुरी क्षेत्र के परिवार अभी तक नहीं भूल पाए। उनके कच्चे मकानों को दबंगों ने फूंक दिया और जेवरात तथा अन्य सामान लूटने के बाद उन्हें पलायन के लिए मजबूर कर दिया। पिछले 11 महीनों से वह दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। गुरुवार को पीड़ित परिवार के एक दर्जन से अधिक सदस्य बांसवाड़ा के जिला पुलिस अधीक्षक से मिले और न्याय की गुहार लगाई। पीड़ितों ने बताया कि बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी क्षेत्र के पाट गांव के रमेशचंद्र कटारा सहित पांच परिवार के 25 सदस्य बेघर होने के बाद रिश्तेदारों के यहां शरण लिए हुए हैं। उनकी जमीन की नीयत से इन परिवार पर गांव के दबंगों ने हमला कर दिया था और जेवरात लूट लिए। दहशत फैलाने के लिए उन्होंने उनके कच्चे मकानों को फूंक डाला।
पुलिस से लगाई न्याय की गुहार
इसकी शिकायत आनंदपुरी थाने में दी और बताया कि उनके मकान और जमीन के सामने रहने वाले दबंग रमेश पुत्र दूदा और उसके साथियों ने उन पर हमला किया था। किन्तु उन्हें किसी तरह की सहायता नहीं मिली। पलायन करने वालों में रमेश चंद्र कटारा का भाई सुभाष भी शामिल है। जिसने दबंगों के भय से परिवार सहित गांव छोड़ दिया था और वह मजदूरी करने अहमदाबाद चला गया था। एक-एक कर उनके तीन और रिश्तेदारों के परिवार घर छोड़कर चले गए। पीड़ितों ने बताया कि एक बार वह गांव लौटे और वहां बसने की कोशिश की, लेकिन दबंगों ने फिर से उन्हें गांव से पलायन को लेकर मजबूर कर दिया। पीड़ितों ने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई कि पुलिस की मदद मिलें तो वह अपने घर और जमीन पर वापस लौटकर बस पाएंगे। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर आनंदपुरी थानाधिकारी दिलीप सिंह चारण का कहना है कि पीड़ितों की सहायता की जाएगी और उन्हें नियमानुसार मदद करेंगे। वह पिछले छह महीने से आनंदपुरी में नियुक्त हैं, इस बीच उन्हें इस तरह की शिकायत नहीं मिली।