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Rajasthan: बारां में नाबालिग बहनों से सामूहिक दुष्कर्म के मामले की डीएसपी करेंगे जांच

Baran Case बारां जिले में दो नाबालिग बहनों से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जांच अब महिला अत्याचार निवारण सेल को सौंप दी गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर इस संबंध में आदेश जारी किए गए। अब पुलिस उप अधीक्षक राकेश शर्मा पूरे मामले की जांच करेंगे।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 07:51 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 07:51 PM (IST)
Rajasthan: बारां में नाबालिग बहनों से सामूहिक दुष्कर्म के मामले की डीएसपी करेंगे जांच
बारां में नाबालिग बहनों से सामूहिक दुष्कर्म के मामले की जांच।

जागरण संवाददाता, जयपुर। Baran Case: राजस्थान के बारां जिले में दो नाबालिग बहनों से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जांच अब महिला अत्याचार निवारण सेल को सौंप दी गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर इस संबंध में आदेश जारी किए गए। अब पुलिस उप अधीक्षक राकेश शर्मा पूरे मामले की जांच करेंगे। जिसके बाद अब पुलिस द्वारा अब फिर से 164 के बयानों लिए जा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि पुलिस प्रशासन के अनुसार, दोनों बहनें पहले दिए बयानों में स्पष्ट कर चुकी हैं कि अपनी मर्जी से युवकों के साथ गई थीं। पुलिस अधीक्षक डॉ. रवि ने बताया कि पीडि़ताओं के पिता की रिपोर्ट पर 19 सितंबर को ही मामला दर्ज कर लिया था।

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पुलिस ने 21 सितंबर को उनको दस्तयाब किया। बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। वहां से उनको सखी केंद्र भेज दिया। पीड़िताओं ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए 164 के बयानों में स्वेच्छा से घूमने के लिए घर से जाने की बात कही थी। अब पीड़िताओं के पिता की ओर से परिवाद दिया है। इस पर बाल कल्याण समिति के माध्यम से फिर से काउंसलिंग कराई जा रही है। अब कोर्ट में फिर से 164 के बयान करवाने के लिए निवेदन किया है। पुलिस शुरू से ही मामले में निष्पक्ष रही है। पूरे मामले में नियमानुसार कार्रवाई की गई है। मामले की गंभीरता को देखते जांच महिला अत्याचार निवारण सेल प्रभारी राकेश शर्मा को दी है। उधर, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने इस संबंध में प्रसंज्ञान लिया है। आयोग ने पुलिस अधीक्षक से 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी है।

यह है मामला

बारां में पीड़ित नाबालिगों के परिजनों का कहना है कि 18 से 21 सितंबर तक चार युवक उनकी बेटियों को कोटा, जयपुर और अजमेर ले गए, जहां दोनों के साथ सामूहिक की घटना को अंजाम दिया। आरोपितों ने नाबालिग लड़कियों को पुलिस के सामने कुछ बोलने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इस दौरान लड़कों के पकड़े जाने के बावजूद उन्हें छोड़ दिया गया। वहीं, लड़कियों को सखी केंद्र भेजा गया। 


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