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Rajasthan: कोरोनिल दवा पर डॉ. तोमर ने फिर दी सफाई, स्वायत्त शासन मंत्री ने बाबा रामदेव पर कसा तंज

Coronil medicine. कोरोनिल लांच करते समय बाबा रामदेव के साथ रहे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी (निम्स) के चेयरमैन डॉ. बीएस तोमर ने फिर सफाई दी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 06:03 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 06:03 PM (IST)
Rajasthan: कोरोनिल दवा पर डॉ. तोमर ने फिर दी सफाई, स्वायत्त शासन मंत्री ने बाबा रामदेव पर कसा तंज
Rajasthan: कोरोनिल दवा पर डॉ. तोमर ने फिर दी सफाई, स्वायत्त शासन मंत्री ने बाबा रामदेव पर कसा तंज

जागरण संवाददाता, जयपुर। Coronil medicine. योगगुरु बाबा रामदेव द्वारा कोरोना वायरस की दवा "कोरोनिल" को लांच करने के बाद इसको लेकर उठा विवाद अभी जारी है। राजस्थान सरकार बाबा रामदेव के प्रति सख्त हो गई है। इसी बीच, कोरोनिल लांच करते समय बाबा रामदेव के साथ रहे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी (निम्स) के चेयरमैन डॉ. बीएस तोमर ने शुक्रवार को एक बार फिर सफाई दी।

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डॉ. तोमर ने कहा कि यूनिवर्सिटी के अस्पताल में कोरोना की किसी दवा का ट्रायल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में कोरोनिल दवा का ट्रायल नहीं हुआ, केवल इम्युनिटी बढ़ाने के काम आने वाले उत्पाद मरीजों का दिए गए थे। उन्होंने कहा कि निम्स में भर्ती कोरोना के बिना लक्षण वाले 100 मरीजों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत पतंजलि की स्पांसरशिप से अश्वगंधा, गिलोय व तुलसी का का काढ़ा दिया गया था। इनमें अति गंभीर रोगी एक भी नहीं था। इसके लिए राज्य में चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को जानकारी दी गई थी। उन्होंने बताया कि पतंजलि को पत्र भी लिखा गया कि जिसमें कहा गया है कि रिसर्च का उपयोग किसी कॉमर्शियल काम के लिए नहीं होना चाहिए, यह केवल पायलट प्रोजेक्ट है।

स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल बोले, बाबा के पास हर मर्ज की दवा

उधर, राज्य के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कोरोनिल दवा पर तंज कसते हुए मजाकिया लहजे में कहा कि बाबा (रामदेव) के पास हर मर्ज की दवा है, वो मरे हुए को भी जिंदा कर सकते हैं। धारीवाल ने मजाकिया अंदाज में बाबा की दवा पर निशाना साधा, लेकिन राजस्थान में बाबा की दवा की लांचिंग के बाद से ही विवाद चल रहा है। 

गौरतलब है कि योगपीठ की दिव्य फार्मेसी की दवा 'कोरोनिल' को लेकर उठे विवाद पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जो भी काम हो, वह विधिक होना चाहिए। इसकी एक प्रक्रिया है और उसका अनुसरण करना ही चाहिए। इसमें प्रक्रियात्मक कमी है, वह पूरी होनी चाहिए थी। सरकार ने जो प्रक्रिया बनाई है, उसे फॉलो किया जाना चाहिए था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में अगर ऐसी कोई औषधि बनी है तो यह अच्छी बात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने निम्स विश्वविद्यालय जयपुर के निदेशक का बयान सुना है, जिसमें उन्होंने कहा कि इस दवा के परिणाम बहुत अच्छे रहे। इससे तीन दिन में 69 प्रतिशत और सप्ताह भर में शत-प्रतिशत मरीज ठीक हुए हैं। दूसरी ओर, पंतजलि अब भी अपने दावे पर कायम है। पतंजलि ने मंगलवार को कोरोना की दवा बनाने का दावा करते हुए इसे लांच किया था। मामला सुर्खियों में आया तो केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने पतंजलि को नोटिस भेजकर तत्काल दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी थी। 


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