पति ने घर के दरवाजे पर जोर से तीन बार तलाक-तलाक-तलाक बोल रिश्ता खत्म किया
पति ने घर के दरवाजे पर जोर से तीन बार तलाक-तलाक-तलाक बोलकर रिश्ता खत्म कर दिया।
जयपुर, [जागरण संवाददाता] । तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट का मंगलवार को बड़ा फैसला अाया। तलाक से पीड़ित जयपुर में एक ऐसी महिला है, जिसने तलाक को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया, खुद अपने पैर पर खड़ी हुई और मुस्लिम समाज की कमजोर एवं बेसहारा महिलाओं को सहारा दिया।
यह मामला है जयपुर के घाटगेट निवासी अफरोज बानो का है। अफरोज बानो का विवाह वर्ष 1980 में हुआ। करीब 27 वर्ष तक साथ रहने के बाद एक दिन वर्ष 2007 में पति ने घर के दरवाजे पर जोर से तीन बार तलाक-तलाक-तलाक बोलकर रिश्ता खत्म कर दिया । मामला मुस्लिम समाज के मौलवियों एवं काजी के पास पहुंचा तो पड़ोसियों ने पति द्वारा तलाक शब्द तीन बार बोलने की गवाही दे दी ।
इसके बाद पूरी तरह बेसहारा हुई दो बच्चों की मां अफरोज बानो कुछ दिन तो परेशान रही, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। पहले तो उसने पति का घर छोड़ने से इंकार कर दिया, फिर खुद ने घर में सिलाई और कढ़ाई का काम शुरू किया। कुछ दिन तक तो अकेली ही यह काम करती थी, लेकिन दो वर्ष बाद ही 10 मशीनें लगाकर महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई का काम सिखाना शुरू कर दिया ।
ठेकेदारों से बड़े पैमाने पर सिलाई का काम लेने लग गई । अब तक अफरोज बानों ने 500 से अधिक महिलाओं को सिलाई और कढ़ाई का प्रशिक्षण दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश अफरोज बानो का कहना है कि अब लगता है कि मेरी जैसी महिलाओं को हक मिलेगा ।
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