Move to Jagran APP

जोधपुर जेल में बंद आसाराम की मुश्किलें और बढ़ेंगी

Asaram. न्यायालय ने आसाराम को नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। जिसके बाद से आसाराम जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 04:19 PM (IST)Updated: Mon, 26 Aug 2019 06:43 PM (IST)
जोधपुर जेल में बंद आसाराम की मुश्किलें और बढ़ेंगी
जोधपुर जेल में बंद आसाराम की मुश्किलें और बढ़ेंगी

जोधपुर, रंजन दवे। राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ के आदेश से आसाराम की मुश्किलें निश्चित रूप से अब बढ़ जाएंगी। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने आदेश दिए हैं कि अब लंबित अपीलों की सुनवाई वरीयता के आधार पर की जाएगी। यदि इस आदेश को अमली जामा पहनाया जाए तो आसाराम की अपील पर सुनवाई का नंबर तीन-चार साल बाद आने की संभावना बनती है। वर्तमान में वरीयता में सात साल से अधिक से लंबित अपराधिक मामलों पर सुनवाई चल रही है।

loksabha election banner

जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने ये आदेश दिए हैं, जिनमे अपील सुनवाई के आधार वरीयता क्रम से निर्धारित करने को कहा गया है। अपने स्वास्थ्य को लेकर कुछ समय पहले आसाराम ने अपनी सुनवाई को जल्द करवाने के लिए आवेदन किया था। इसमें उसने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया था।

इसके कारण पूर्व में समय-समय पर उसकी सुनवाई की जा रही थी, लेकिन सोमवार को हाईकोर्ट के इस आदेश से आसाराम के माथे पर चिंता की लकीरें निश्चित रूप से बढ़ेंगी।

न्यायालय ने आसाराम को नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। जिसके बाद से आसाराम जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद है। न्यायालय ने आसाराम को अपने ही गुरुकुल की बालिका के साथ दुष्कर्म करने के मामले में पॉस्को एक्ट की धाराओं के तहत जीवन की अंतिम सांस तक जेल में रहने का फरमान सुना रखा है।

नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में जेल की हवा खा रहे आसाराम को गुजरात में एक तरह से राजगुरु की हैसियत हासिल थी। सैकड़ों आश्रम उन्होंने खड़े किए। उनके शिष्यों की संख्या करोड़ों में रही है। साथ ही, इनके दरबार में भी हाजिरी लगाने वाले नेताओं की लिस्ट बहुत लंबी रही है।

आसाराम सहित तीन दोषी करार
जोधपुर की कोर्ट ने आश्रम में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिए गए आसाराम को उम्रकैद की और अन्य दो दोषियों को 20-20 साल कैद की सजा सुनाई थी। जोधपुर कोर्ट में इस मामले में आसाराम समेत तीन लोगों को दोषी करार दिया गया और दो आरोपियों को बरी कर दिया गया। न्यायधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर जेल में अपना फैसला सुनाया।

बहस के दौरान वकीलों ने आसाराम की अधिक उम्र का हवाला दिया और उसको कम सजा दिए जाने की मांग की। आसाराम ने इस मामले में जमानत पाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट तक ने उसकी याचिका को ठुकरा दिया था। सजा सुनाए जाने से पहले कई जगहों पर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े उपाय किए थे।

राजस्थान की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.