Jaipur Bomb Blast 2008 Case: जयपुर बम धमाकों में 71 की मौत के गुनहगारों को कल होगी सजा
Jaipur Bomb Blast 2008 Case. जयपुर में हुए बम धमाकों में 71 लोगों की मौत और 185 लोगों के घायल होने के मामले में पांच गुनहगारों की सजा पर फैसला बुधवार को सुनाया जाएगा।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। Jaipur Bomb Blast 2008 Case. करीब 11 साल पहले 13 मई, 2008 को जयपुर में हुए बम धमाकों में 71 लोगों की मौत और 185 लोगों के घायल होने के मामले में पांच गुनहगारों की सजा पर फैसला बुधवार को सुनाया जाएगा। इस मामले की सुनवाई कर रही विशेष कोर्ट के न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा फैसला सुनाएंगे। इस मामले में सभी पांचों गुनहगार उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, उनके तीन साथियों को पुलिस आज तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
उधर, इस घटना के 11 साल बाद भी उन परिवारों के जख्म आज भी हरे हैं, जिन्होंने बम धमकों में अपनों को खोया है। धमाकों वाले दिन दो बहनें चांदपोल हनुमानजी के मंदिर के पास एक हलवाई की दुकान से दही लेने गई हुई थीं, जब वो वहां पहुंची उसी वक्त धमाका हुआ। इस दौरान एक बहन इल्मा इस दुनियां को अलविदा कह गई, दूसरी बहन अलीना के जिस्म में आज भी उस धमाके से निकले छर्रे मौजूद हैं। अलीना के शरीर में आज भी चार छर्रे मौजूद हैं।
उसकी मां का कहना है कि डॉक्टरों ने दो छर्रे तो उस समय निकाल दिए थे, लेकिन शेष चार निकाले नहीं जा सके, जो आज भी उसके शरीर में मौजूद हैं। हालांकि अब वह ना तो स्कूल जाती है और ना ही पहले की तरह घूम फिर सकती है, अब ज्यादातर समय घर में रहती है। उसने बताया कि डॉक्टरों ने शरीर में मौजूद छर्रों से कोई नुकसान नहीं होने की बात कह कर उन्हें नहीं निकाला था। बेटी इल्मा की मौत और धमाकों की याद को भुलाने के लिए मां अनीसा अपना घर बदल चुकी है, लेकिन वह गम नहीं भूला पा रही है।
मां बोली, मेरी बच्ची ने किसी का क्या बिगाड़ा था
अनीसा अब अपना घर बदल चुकी हैं, वो अब सांगानेरी गेट के पास एक कमरे में रह रही है। अनीसा को जैसे ही पता चला कि कल धमकों को लेकर कोर्ट का फैसला आने वाला है तो उसकी आंख में आंसू आ गए। रोते हुए बोली, मेरी मासूम बच्ची ने किसी का क्या बिगाड़ा था? मेरी बच्ची पर हुए जुल्म का हिसाब तो बस कयामत के दिन अल्लाह के सामने होगा। अनीसा के साथ 16 साल की अलीना भी मौजूद थी, जो उस धमके की चश्मदीद गवाह भी है। अलीना का कहना था कि इतना याद है कि बस एक धमाका हुआ, जिससे शरीर में कई जगह चुभन सी महसूस हो रही थी, जहां धमाका हुआ वहां जमीन धंस गई थी। चारों तरफ लोग चिल्ला रहे थे।
उसने बताया कि मैं मेरी छोटी बहन इल्मा के साथ दही लेने गई थी, लेकिन जैसे ही धमाका हुआ हम दोनों का हाथ छूट गया। उसके बाद की घटना पूरी तरह से याद नहीं है, होश आया तो वह अस्पताल में पहुंच चुकी थी। उसकी मां अनीसा का कहना है कि मैंने पूरी रात अपने पति इशाख के साथ मिलकर इल्मा को तलाशा, लेकिन नहीं मिली। बाद में सवाई मानसिंह अस्पताल के मुर्दाखाने में इल्मा का शव मिला।
इन आरोपितों पर फैसला सुनाया जाएगा
जयपुर के चांदपोल हनुमान मंदिर, सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर सहित अन्य स्थानों पर हुए बम धमाकों के आरोपितों में यूपी में लखनऊ निवासी शाहबाज हुसैन, यूपी के आजमगढ़ निवासी मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सैफुर्रहमान और सलमान को बुधवार को सजा सुनाई जाएगी। इस मामले के आजमगढ़ निवासी तीन आरोपित शादाब, मोहम्मद खालिद और साजिद बड़ा फिलहाल फरार हैं, दो की मौत हो चुकी है।