Panther Attack: उदयपुर में पैंथर ने बालिका को बनाया शिकार
Panther Attack पैंथर ने बालिका को दबोचा तथा उठा ले गया। इसकी भनक उसके पिता तक को नहीं लग पाई। सोमवार सुबह परिजनों ने बालिका ललिता को नदारद देखा तो उन्होंने घर के आंगन में पैंथर के पंजों के निशान देखकर शंका जताई और वन विभाग को सूचित किया।
उदयपुर, संवाद सूत्र। Panther Attack: राजस्थान में उदयपुर शहर के समीप सलूम्बर मार्ग पर केवड़ा की नाल क्षेत्र में पैंथर ने पांच साल की एक बालिका को शिकार बना लिया। घटना रविवार देर रात उदयपुर-सलूम्बर मार्ग पर केवड़ा की नाल क्षेत्र के केवड़ा खुर्द उपला फला गांव की है और घटना के समय पांच साल की बालिका ललिता मीणा अपने पिता किशन लाल मीणा के साथ घर के आंगन में सो रही थी। बाकी परिजन उनके घर के अंदर सोए हुए थे। रात लगभग दो-तीन बजे के दौरान दबे पांव पहुंचे पैंथर ने बालिका को दबोचा तथा उठा ले गया। इसकी भनक उसके पिता तक को नहीं लग पाई। सोमवार सुबह परिजनों ने बालिका ललिता को नदारद देखा तो उन्होंने घर के आंगन में पैंथर के पंजों के निशान देखकर शंका जताई और वन विभाग को सूचित किया।
सोमवार सुबह लगभग नौ बजे वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तथा ग्रामीणों के साथ मिलकर लापता बालिका की तलाश शुरू की। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद बालिका ललिता का शव केवड़ा की नाल की पहाड़ियों के बीच चट्टानों के बीच मिला। जिसे पैंथर नोंच चुका था। इस बीच, सूचना मिलने पर टीडी थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची तथा बालिका का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया गया। वन विभाग तथा पुलिस की टीम ने पुष्टि कर दी है कि बालिका की मौत पैंथर के शिकार किए जाने की वजह से हुई है।
पिछले महीने एक महिला पर किया था हमला
ग्रामीणों ने बताया कि फरवरी माह में केवड़ा की नाल में ही पशुओं को चराने गई एक महिला पर भी पैंथर ने हमला कर दिया था। जिसे ग्रामीणों ने बचा लिया। इसके बाद बालिका के शिकार किए जाने से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
ग्रामीण बोले, आदमखोर हो गया है पैंथर
ग्रामीणों का कहना है कि पैंथर आदमखोर हो चुका है। पूर्व में जहां एक महिला पर हमला कर चुका, वहीं रविवार देर रात बालिका को उठा ले गया। इधर, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केवड़ा की नाल वन्य क्षेत्र है और यहां काफी संख्या में पैंथर विचरण करते हैं। पैंथर के बालिका को उठाकर ले जाने की यह पहली घटना है। उसे पकड़ने के लिए पिंजरा लगवाया गया है। पैंथर जानवरों के शिकार करते हैं, इसी दौरान जंगल के बीच बसे गांवों में भी घुस जाते हैं। वन विभाग ने ग्रामीणों को घरों के अंदर सोने की सलाह दी है।