राजस्थान में अजमेर के पुष्कर स्थित देश के इकलौते भगवान ब्रह्मा और सावित्री माता मंदिर की दीवारों में आई दरारें
ब्रहम मंदिर और पुष्कर सरोवर में पूजा-अर्चना करने वाले पुजारियों के रहने के लिए बने कमरों की हालत काफी खराब है। चूना गिरने के डर से पुजारी कमरों के बजाय मंदिर के प्रांगण में ही सोते हैं। पुजारियों (पंडों)का किसी बड़े हादसे का भय हमेशा सताता रहता है।
पुष्कर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में अजमेर जिले के पुष्कर में स्थित देश के इकलौते ब्रह्मा मंदिर और सरस्वती माता मंदिर देखरेख के अभाव में जीर्णशीर्ण होने लगे हैं। दोनों मंदिरों की दीवारों में दरारें आ गई है। परिक्रमा मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए। संसार के पालनहार भगवान ब्रह्मा के मंदिर की फर्श खराब होने लगी है। 14वीं शताब्दी में निर्मित इस मंदिर के बारे में पुजारियों का कहना है कि सरकार ध्यान नहीं दे रही है। यह कभी भी जमीन में धंस सकता है। मंदिर की नींव भी नजर आने लगी है। कई दीवारों का चूना (पलास्टर) गिर गया है।
मंदिर में पुजारियों के रहने के लिए बने कमरों की हालत काफी खराब है। चूना गिरने के डर से पुजारी कमरों के बजाय मंदिर के प्रांगण में ही सोते हैं। ब्रहम मंदिर और पुष्कर सरोवर में पूजा-अर्चना करने वाले पुजारियों (पंडों)का किसी बड़े हादसे का भय हमेशा सताता रहता है।
पुष्कर नगर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक बोले,सरकार ध्यान नहीं दे रही है। कई बार अधिकारियों और मुख्यमंत्री तक मंदिर की बिगड़ती हालात की जानकारी पहुंचाई गई। लेकिन कोई सुनता ही नहीं है। दीवारों में दरारें आने से कभी भी मूर्ति को नुकसान हो सकता है। परिक्रमा मार्ग एक तरफ से झूक गया। सौ करोड़ रूपए से ज्यादा का खर्चा हो तब मंदिर की दशा सुधर सकती है।
पुष्कर सरोवर के घाट भी क्षतिग्रस्त हुए
ब्रहमा मंदिर पुष्कर कस्बे के बिल्कुल मध्य में स्थित हैं। मंदिर से पवित्र सरोवर की दूरी मात्र दो सौ कदम हैं। ब्रहाम मंदिर से कुछ दूर पहाड़ी पर उनकी पत्नी सरस्वती माता का मंदिर स्थित है। प्रतिदिन देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान ब्रहमा और सरस्वती माता के दर्शन के लिए पुष्कर पहुंचते हैं। पवित्र सरोवर में स्नान करते हैं। कार्तिक मास में हर साल मेला लगता है। पुष्कर सरोवर के घाट भी क्षतिग्रस्त हो गए ।
सिंधियां घाट को छोड़कर किसी घाट की मरम्मत निर्माण के बाद से अब तक नहीं हुई। सिंधिया घाट की मरम्मत भी तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने करवाई थी। सरोवर के चारों तरफ कुल 52 घाट है। पुष्कर कस्बा ऊंचाई पर होने के कारण बारिश का पानी बहकर सरोवर में जाता है। कुछ लोग सीवरेज का पानी सरोवर में जाने की बात भी कहते हैं। पुजारियों ने कहा,कई सालों से सरोवर की सफाई नहीं हुई। श्रद्धालु गंदे पानी में ही आस्था की डूबकी लगाते हैं।
कलक्टर बोले,पुरातत्व विभाग काम करवाएगा
अजमेर के जिला कलक्टर अंशदीप ने कहा कि मंदिर में पूजा-अर्चना सहित अन्य प्रबंध जिला प्रशासन के अधीन है। पुष्कर के उपखंड अधिकारी मंदिर कमेटी के सचिव हैं। वहीं मंदिर का भवन केंद्र सरकार के पुरातत्व एवं सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिन है। मंदिर में किसी भी तरह का निर्माण कार्य अथवा बदलाव एएसआई कर सकती है।
एएसआई के अधिकारियों को मंदिर की स्थिति के बारे में बताया गया था । उसके बाद एक टीम मंदिर के हालात देखकर गई है। उम्मीद है जल्द ही मरम्मत का काम प्रारम्भ होगा । उन्होंने कहा कि सरोवर की सफाई और घाटों की मरम्मत के लिए साढ़े ग्यारह करोड़ राज्य सरकार से मिलेंगे । बजट स्वीकृत हो गया । जानकारी के अनुसार जिला कलक्टर और जनप्रतिनिधियों ने पिछले डेढ़ साल में एएसआई के अधिकारियों को एक दर्जन पत्र लिखे हैं।