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Train Bomb Blast Case: पांच ट्रेनों में बम धमाकों के मामले में आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को अदालत 30 सितंबर को सुनाएगी सजा

Train Bomb Blast Case आतंकी अब्दुल करीम टुंडा ने अपने साथियों के साथ मिलकर देशभर में पांच ट्रेनों में बम ब्लास्ट की घटनाओं को अंजाम दिया था। इन मामलों में टुंडा व अन्य आरोपितों के खिलाफ लगाए गए चार्ज पर बहस की गई। अब अदालत तीस सितंबर को फैसला सुनाएगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 06:09 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 08:24 PM (IST)
Train Bomb Blast Case: पांच ट्रेनों में बम धमाकों के मामले में आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को अदालत 30 सितंबर को सुनाएगी सजा
जयपुर बम धमाकों के मास्टरमाइंड आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के आतंकी अब्दुल करीम टुंडा। फाइल फोटो

अजमेर, संवाद सूत्र। जयपुर बम धमाकों के मास्टरमाइंड आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को शुक्रवार कड़ी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच अजमेर के टाडा कोर्ट में पेश किया गया। टुंडा के साथ दो अन्य आतंकियों शम्सुद्दीन और इरफान को भी अदालत में पेश किया गया। आरोपितों के चार्ज पर बहस हुई है। कोर्ट 30 सितंबर को निर्णय देगी। टुंडा पर पांच ट्रेनों में भी धमाके का आरोप है। टुंडा ने अपने साथियों के साथ मिलकर देशभर में पांच ट्रेनों में बम ब्लास्ट की घटनाओं को भी अंजाम दिया था। इन मामलों में टुंडा व अन्य आरोपितों के खिलाफ लगाए गए चार्ज पर बहस की गई। अब अदालत तीस सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी।

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डासना जेल से लाया गया अजमेर

आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को गाजियाबाद की डासना जेल से अजमेर की टाडा अदालत लाया गया। टुंडा गाजियाबाद की डासना जेल में था। पिछले लंबे समय से अस्वस्थता के कारण वह तारीख पर पेशी पर उपस्थित नहीं हो रहा था। इन आरोपितों पर सीरियल बम ब्लास्ट की घटना में शामिल होने के आरोप हैं। अजमेर के केंद्रीय कारागार के निकट ही बनी टाडा कोर्ट को देश में विभिन्न पांच स्थानों पर बम ब्लास्ट की घटनाओं से जुड़े अपराधियों की एक ही छत के नीचे सुनवाई के दृष्टिगत स्थापित किया गया था।

जानें, कौन है आतंकी अब्दुल करीम टुंडा

आतंकी अब्दुल करीम टुंडा का जन्म उत्तर प्रदेश के पिलखुआ में हुआ था। उसने बढ़ईगीरी से अपने कैरियर की शुरुआत की थी। एक बार होम्योपैथिक दवा की दुकान भी की थी। इसी दौरान धीरे-धीरे वह आतंक की दुनिया में कदम रखने लगा। वह दुनिया के सबसे बड़े आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में आया। पाकिस्तान में भी कई आतंकियों को ट्रेनिंग दी थी। उस पर देशभर में 30 केस दर्ज हैं। अब्दुल करीब का नाम टुंडा एक हादसे के बाद पड़ा था। साल,1985 में वह राजस्थान के टोंक जिले की एक मस्जिद में जिहाद की मीटिंग में शामिल हो रहा था। इसी दौरान वह पाइप गन चला रहा था। तभी गन फट गई, जिसमें उसका एक हाथ उड़ गया था। इसके बाद से उसे टुंडा के नाम से पहचाना जाने लगा है। टुंडा बम विस्टोटक तैयार करने में माहिर माना जाता है। बताया जाता है कि उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से अस्सी के दशक में बम बनाने की ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद वह लश्कर के संपर्क में आया था। वह माफिया डान दाऊद इब्राहिम का भी सहयोगी बताया जाता है। 1993 में इसने ट्रेनों में बम विस्फोट करवाए थे। टुंडा को भारत-नेपाल सीमा के पास से कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया गया था। गाजियाबाद की डासना जेल में उसे कड़ी चौकसी में रखा गया था। 


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