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Coronavirus: राजस्थान में कोरोना योद्धा की भूमिका निभा रहे हैं मुर्दाघर के कर्मचारी

पुलिस चिकित्साकर्मी सहित कुछ ऐसे भी कोरोना योद्धा है जो सब की सुरक्षा में जुटे हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 01:40 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 01:52 PM (IST)
Coronavirus: राजस्थान में कोरोना योद्धा की भूमिका निभा रहे हैं मुर्दाघर के कर्मचारी
Coronavirus: राजस्थान में कोरोना योद्धा की भूमिका निभा रहे हैं मुर्दाघर के कर्मचारी

जयपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के कारण पिछले 55 दिन से लॉकडाउन जारी है। कोरोना से बचने के लिए लोग घरों में बैठे हैं। वहीं पुलिस,चिकित्साकर्मी सहित कुछ ऐसे भी कोरोना योद्धा है जो सब की सुरक्षा में जुटे हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।

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जयपुर के एसएमएस अस्पताल के मुर्दाघर में काम करने वाले कोरोना योद्धा दोहरी भूमिका निभा रहे हैं। मुर्दाघर के कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों का पोस्टमार्टम करने के बाद उनकी अंतिम क्रिया कर्म भी कर रहे हैं। एसएमएस अस्पताल के मुर्दाघर में कोरोना संक्रमण से मरने के बाद जहां उनके परिजन शव के हाथ नहीं लगाते हैं, वहीं यहां के कर्मचारी न केवल उस शव का पोस्टमार्टम करते हैं, बल्कि उसकी अंतिम क्रिया भी करते हैं।

नगर निगम के कर्मचारियों की सहायता से ये शव का अंतिम संस्कार करते हैं। जयपुर एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ.रामप्रकाश शर्मा ने बताया कि मुर्दाघर में कार्यरत ये कोरोना योद्धा मृतक के परिवार के सदस्य की तरह की अंतिम संस्कार करते हैं। परिजन को सुरक्षा की दृष्टि से शव के हाथ नहीं लगाने दिया जाता है।वहीं इन कर्मचारियों का कहना है कि हमें पहले इस काम को लेकर बहुत घबराहट थी, लेकिन जब उन्होंने देखा की इस काम को करने करने से उन्हें पुण्य की प्राप्ति हो रही है वही अपनी जिम्मेदारियों से देश के लिए कुछ करने का मौका भी मिल रहा है।

इन कर्मचारियों ने बताया कि इस काम को करने पर उनके परिजन भी काफी परेशान हैं। कहीं जन सेवा करते करते उनको कोरोना ना हो जाए, लेकिन उसके बावजूद भी बड़ी मुस्तैदी और मेहनत और हिम्मत के साथ यह कर्मचारी अपने काम को ठीक तरह से निभा रहे हैं। जब किसी कोरोना संक्रमित मरीज की मौत होती है तो उसके शव को उठाने के लिए इन्हीं कर्मचारियों को बुलाया जाता है।

इसके बाद ये कर्मचारी शव को पूरी तरह से सैनिटाइज करते हैं और फिर किट में डालकर मुर्दाघर लेकर आते हैं वही मुर्दाघर में मृतक के परिजनों को थोड़ा चेहरा दिखाकर का पोस्टमार्टम करने के बाद अंतिम क्रिया कर्म करते हैं। यह कोरोना योद्धा जाति-धर्म से ऊपर उठकर अपने निजी स्वार्थों को भूलकर हमें सुरक्षित रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। 


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