अजमेर में आज भी कोरोना का कोई केस नहीं, 'शबे बरात पर घरों पर ही दुआ करें, मजारों पर न जाए'
अजमेर से यह अच्छी खबर है कि मंगलवार को आई रिपोर्ट में अजमेर से कोरोना वायरस पॉजिटिव आंकड़ा शून्य है। लॉकडाउन में मुसलमानों को अपने घरों पर ही पूर्वजों के लिए दुआ करनी चाहिए
अजमेर, जेएनएन। अजमेर से यह अच्छी खबर है कि मंगलवार को आई रिपोर्ट में अजमेर से कोरोना वायरस पॉजिटिव आंकड़ा शून्य है। पूर्व जो एक सेल्समैन के परिवार के सभी 5 सदस्य पॉजिटिव पाए गए थे, जयपुर में जारी उपचार के बाद उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इधर, सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान और मुस्लिम धर्मगुरु सैय्यद जैनुल आबेदीन ने देश के मुसलमानों के नाम एक अपील जारी की है। दीवान आबेदीन ने कहा कि 9 अप्रैल को शबे बरात के दिन मुसलमान अपने पूर्वजों की मजार पर जाकर फूल चढ़ाते हैं और उनकी रूह की शांति के लिए दुआ करते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर घोषित लॉकडाउन को देखते हुए मुसलमानों को अपने घरों पर ही पूर्वजों के लिए दुआ करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हुकूमत ने जो पाबंदिया लगाई हैं उस पर सभी को अमल करना चाहिए। हमें अपने पूर्वजों को याद करने के साथ साथ कोरोना वायरस के समाप्त होने के लिए भी दुआ करनी चाहिए। कोरोना की वजह से देश दुनिया पर आफत आई हुई है, हर मुसलमान का फर्ज है कि जानलेवा आफत हो भगाने के लिए दुआ करें। उन्होंने युवाओं से भी आग्रह किया कि शबे बरात की रात सड़कों पर बाइक से किसी प्रकार का स्टंट न किया जाए। ऐसे स्टंट जानलेवा साबित हो सकते हैं। यदि हम पाबंदियों को तोड़कर घरों से निकलते हैं तो हमें कोरोना वायरस से संक्रमित होने का भी खतरा है।
तब्लीगी जमात की फिर निंदा:
शबे बरात के मौके पर दीवान आबेदीन ने तबलीगी जमात के कृत्य की एक बार फिर निंदा की है। उन्होंने कहा कि यदि जमात के पदाधिकारी दिल्ली में मीटिंग नहीं करते तो कोरोना वायरस देशभर में इतना तेजी से नहीं फैलता। जो लोग मीटिंग के लिए जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ सरकार को सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र के मरकज से निकल कर कोरोना संक्रमित लोग देशभर में इधर उधर चले गए। अब ऐसे संक्रमित व्यक्ति अपने परिजन को भी कोरोना संक्रमित कर रहे हैं।
अभी भी फंसे हैं जायरीन:
अजमेर स्थित दरगाह क्षेत्र के होटलों, गेस्ट हाउस आदि में तीन हजार से भी ज्यादा जायरीन फंसे हुए हैं। दरगाह कमेटी के नाजिम शकील अहमद ने ऐसे जायरीन के बारे में जिला प्रशासन को पूर्व में ही सूचित कर दिया था। चूंकि ऐसे जायरीन 15 दिनों से परिवार के साथ फंसे हुए हैं, इसलिए अब पैसा भी समाप्त हो चुका है। यही वजह है कि समृद्ध परिवार भी दानदाताओं द्वारा वितरित की जा रही खाद्य सामग्री से काम चला रहे हैं। जिन होटलों और गेस्ट हाउस में जायरीन फंसे हुए हैं उनके मालिकों को किराया भी नहीं मिल रहा है। माना जा रहा है कि गेस्ट हाउसों में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पालन नहीं हो रहा है।