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Coronavirus: वन विभाग ने कहा चमगादड़ों को नहीं करें परेशान, कोरोना के लिए ये जिम्मेदार नहीं

वन विभाग ने कहा चमगादड़ों को नहीं करें परेशान कोरोना के लिए ये जिम्मेदार नहीं चमगादड़ों को परेशान करने की जानकारी मिली तो वन विभाग करेगा कार्रवाई

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 02:22 PM (IST)Updated: Thu, 07 May 2020 02:44 PM (IST)
Coronavirus: वन विभाग ने कहा चमगादड़ों को नहीं करें परेशान, कोरोना के लिए ये जिम्मेदार नहीं
Coronavirus: वन विभाग ने कहा चमगादड़ों को नहीं करें परेशान, कोरोना के लिए ये जिम्मेदार नहीं

उदयपुर, सुभाष शर्मा। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि चमगादड़ों से कोरोना संक्रमण फैलने की अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। इसलिए लोग चमगादड़ों को परेशान नहीं करें। राजस्थान में लगभग दो दर्जन प्रजातियां मांसाहारी चमगादड़ों की, जबकि चार प्रजाति शाकाहारी हैं। मांसाहारी प्रजाति के चमगादड़ उड़ते हुए कीट तथा मच्छरों को खा लेते हैं, जबकि शाकाहारी फल, फूल तथा पत्तियों को भोजन बनाते हैं। कई जगह चमगादड़ों को उनके प्राकृतिक आवासों से खदेड़ने तथा उन्हेें मारने की शिकायत मिलने पर वन विभाग ने आदेश जारी किए हैं कि वन विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

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वन विभाग के प्रादेशिक मुख्यालय उदयपुर के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय से सभी जिला कार्यालयों को इस तरह के आदेश जारी किए गए हैं। अतिरिक्त मुख्य वन संरक्षक अरविन्द तोमर का कहना है कि लोगों में इस तरह की भ्रांतियां फैली हुई है कि चमगादड़ों से ही कोरोना संक्रमण फैला है। जबकि अभी तक के हुए शोध से यह प्रमाणित नहीं हुआ है। इसके बावजूद कुछ जगहों पर चमगादड़ों के उनके प्राकृतिक आवास स्थल से खदेड़ने तथा मारने की शिकायत विभाग को मिली है। जिसके बाद ही वन विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए आदेश दिए हैं कि कहीं भी चमगादड़ों को परेशान करने की शिकायत मिले तो दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वन अधिनियम के तहत इस तरह की कार्रवाई दंडनीय है। वन विभाग ने लोगों से भी अपील की है कि वह भ्रांतियों पर विश्वास नहीं करें। अभी तक के निष्कर्ष बताते हैं कि चमगादड़ मानव जीवन के लिए खतरा नहीं, बल्कि प्रकृति के लिए आवश्यक हैं। जंगलों को बढ़ाने में भी उनकी महति भूमिका है, इसके अलावा वह मानव जीवन को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को भी खाते हैं।

इधर, रिटायर्ड वन अधिकारी एवं पक्षीविद् डॉ. सतीश शर्मा ने इसकी पुष्टि की है कि चमगादड़ प्रकृति के संतुलन बनाए रखने में सहयोग प्रदान करते हैं। राजस्थान में लगभग दो दर्जन प्रजातियां मांसाहारी चमगादड़ों की, जबकि चार प्रजाति शाकाहारी हैं। मांसाहारी प्रजाति के चमगादड़ उड़ते हुए कीट तथा मच्छरों को खा लेते हैं, जबकि शाकाहारी फल, फूल तथा पत्तियों को भोजन बनाते हैं। 


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