Rajasthan: 11 पाक विस्थापितों की मौत के मामले में कोरोना रिपोर्ट आई नेगेटिव, गमगीन माहौल में हुआ अंतिम संस्कार
Corona report negative पाक विस्थापित 11 सदस्यों की मौत का मामला पुलिस के लिए भी अबूझ पहेली बना हुआ है। हालांकि मौके से पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं।
जोधपुर, संवाद सूत्र। Corona report negative: राजस्थान में जोधपुर ग्रामीण के देचू क्षेत्र के लोडता अचावता गांव के एक खेत मे रविवार को मिले सभी 11 शवों की की मौत की गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं पाई है। जोधपुर की ग्रामीण पुलिस अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है। इससे पहले बीते दिन सभी मृतकों के शव जोधपुर लाए गए, जिनके पोस्टमॉर्टम से पहले कोरोना जांच की गई। सभी मृतकों की कोरोना जांच नेगेटिव आई, जिसके बाद पोस्टमार्टम किए जाने के बाद उनके शव परिजनों और भील समाज से जुड़े लोगों सौंप दिए गए। गमगीन माहौल में एक साथ ग्यारह लोगों की अर्थियां निकलीं, जिनका जोधपुर में ही भील समाज के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया।
इस मौके पर पुलिस प्रशासन से जुड़े अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। इधर, पाक विस्थापितों के लिए कार्य करने वाले सीमांत लोक संघटन ने इस मामले रिटायर्ड जज से मामले की जांच की मांग की है। इससे पहले सभी 11 मृतकों के शव रविवार रात जोधपुर लाए गए थे। रात को ही उनके सैंपल लेकर जांच की गई। सुबह मिली जांच रिपोर्ट में सभी निगेटिव पाए गए। इसके बाद महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में शवों के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हुई। मोर्चरी के बाहर बड़ी संख्या में पाक विस्थापित पहुंचे। पोस्टमार्टम के लिए तीन सदस्यों के मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था। जोधपुर ग्रामीण एसपी राहुल बारहठ व डीसीपी आलोक श्रीवास्तव सहित अन्य पुलिस अधिकारी भी मोर्चरी पर पहुंचे। बताया जाता है, बोर्ड ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट सम्पूर्णनाद मेडिकल कॉलेज से संबंधित महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ महेश भाटी को दी है। जिसके बाद पुलिस को रिपोर्ट मिलने के बाद अनुसंधान के कार्य को गति मिलेगी। इधर, इस वाकये में एक मात्र जीवित बचे परिवार के सदस्य केवलराम की रिपोर्ट के आधार पर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मामला दर्ज कर लिया गया है।
कड़ी से कड़ी जोड़ने में जुटी पुलिस
पाक विस्थापित 11 सदस्यों की मौत का मामला पुलिस के लिए भी अबूझ पहेली बना हुआ है। हालांकि मौके से पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। पुलिस इन सभी सुराग की कड़ियों को जोड़ने में जुटी है। पुलिस जांच पोस्टमार्टम रिपोर्ट के इंतजार पर अटकी हुई है। क्योंकि जहरखुरानी या जहरीले इंजेक्शन लगाए जाने की बात समेत पुलिस सभी संभावनों पर गहन पड़ताल कर रही है, लेकिन अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुच पाई है। पुलिस के अनुसार, सभी लोगों के शव कच्चे मकान के अंदर मिले जबकि इसके बाहर कुछ खाट भी पड़ी थी, लेकिन उन पर कोई नहीं सोया। गर्मी के दिनों में गांवों में अमूमन लोग बाहर ही खुले में सोते हैं।
संदेह बेटी पर भी, पर सवाल उसने ऐसा क्यों किया?
अभी तक यहीं माना जा रहा है कि नर्सिंग का काम करने वाली बुधाराम की एक बेटी ने अपने परिजनों के खाने में नींद की गोलियां मिला दी। सभी को गहरी नींद आने के बाद उसने जहरीला इंजेक्शन लगा सभी को मौत की नींद सुला दिया। इसके बाद उसने खुद भी इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर ली, लेकिन इसमें भी सबसे बड़ा सवाल यह है कि उसने ऐसा क्यों किया? यदि ऐसा हुआ तो केवलराम कैसे बच गया? इस सवालों का जवाब मिलने के बाद ही पुलिस किसी निष्कर्ष पर पहुंच पाएगी। मकान के भीतर जांच के दौरान पुलिस को एक सीरिंज और कीटनाशक दवा भी मिली। इसी दवा की गंध सबसे पहले आने पर जहरीली गैस का अंदेशा जताया गया था। वहीं, डॉग स्क्वॉड ने मकान के बाहर मिट्टी में दबी एक और सीरिंज को भी खोजा, जिसकी भी पड़ताल की जा रही है। साथ ही, एक मात्र जीवित बचे केवलराम से भी पुलिस पुछताछ जारी है।
मंडोर थाने में दर्ज दहेज प्रताड़ना के मामला भी संदेह के घेरे में
पाक विस्थापित परिवार की बहू ने मंडोर थाने में अपने सुसराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रखा था। आरोप है इस मामले में पुलिस इस परिवार को परेशान कर रही थी। दस दिन पूर्व लक्ष्मी और उसकी बहन को मंडोर पुलिस ने थाने में बिठाकर रखा। जिस पर पीड़ितों ने मंडोर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। अब संदेह यह भी उत्पन्न हो रहा है कि कहीं पुलिस प्रताड़ना से आहत होकर तो कहीं परिवार ने आत्महत्या नहीं कर ली।
केवलराम से भी हुई पूछताछ
मामले में परिवार के एकमात्र जीवित बचे शख्स केवल राम से भी पूछताछ हुई है. लेकिन उसने भी रात को नलकूप पर जाकर सोने की बात ही कही है। सवेरे उठकर आने पर वस्तुस्थिति का पता चलने पर जोर से हल्ला किया, जिसके बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। पुलिस ने केवलराम के बयानों के बाद ही आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मामला दर्ज किया है।
रिटायर्ड जज से जांच की उठी मांग
पाक विस्थापितों की पैरवी करने वाले पाक सीमांत संगठन के अध्यक्ष हिंदूसिंह सोढ़ा ने कहा कि इस मामले में मंडोर पुलिस की प्रताड़ना की भी बात सामने आ रही है। जिस कारण से इस मामले की जांच हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड जज से करवाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा जाएगा।