Bird Flu: राजस्थान में बर्ड फ्लू के खतरे को लेकर बना कंट्रोल रूम, अलर्ट जारी
Bird Flu कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू के खतरे की दस्तक से चिंतित सरकार ने राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम बनाकर पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया है। बड़े शहरों के साथ ही टाइगर रिजर्व और घना अभयारण्य पर विशेष नजर रखी जा रही है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Bird Flu: राजस्थान में पिछले दिनों से हो रही कौओं की मौत को लेकर बवाल मचा हुआ है। कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू के खतरे की दस्तक से चिंतित सरकार ने राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम बनाकर पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया है। बड़े शहरों के साथ ही टाइगर रिजर्व और घना अभयारण्य पर विशेष नजर रखी जा रही है। अब तक करीब 400 कौओं की मौत के साथ ही कुछ मोरों की भी मौत हुई है। हालांकि सरकार अब तक 245 कौओं की मौत की ही अधिकारिक पुष्टि कर रही है। लेकिन जिला स्तर से मिले आंकड़ों के अनुसार सरकार की ओर से बताई जा रही संख्या वास्तविकता से कम है। जयपुर में रविवार को 10 कौओं की मौत होने की बात सामने आई है। यहां कौऔं के शव जलमहल के पास पड़े मिले हैं।
सबसे पहले पिछले सप्ताह झालावाड़ में कौओं की मौत हुई थी, उसके बाद प्रदेश के छह जिलों में यह सिलसिला जारी रहा। अधिकारी इसे बर्ड फ्लू का खतरा मान रहे हैं। जयपुर सहित सभी जगह से मृत कौओं के सैंपल लिए गए हैं। सभी सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए हैं। पक्षी विशेषज्ञ बर्ड फ्लू की आशंका के चलते सरकार से पूरे प्रदेश में अभियान चलाने का आग्रह कर रहे हैं। रविवार को पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा और सचिव आरूषि मलिक ने उच्च अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई। उन्होंने बताया कि रेस्पॉंस टीम बनाई गई है। यह टीम प्रभावित इलाकों में सर्विलांस कर रही है। लोगों को सतर्क करने के लिए पंपलेट व पोस्टर वितरित कराने का निर्णय लिया गया है।
मीणा ने कहा कि अभी खतरा बड़ा नहीं है। उन्होंने बताया कि झालावाड़, कोटा, बारां, पाली, जयपुर व जोधपुर जिलों में कौओं की मौत की बात सामने आई है। अब तक बर्ड फ्लू के चलते झालावाड़ में 100, बारां में 72, कोटा में 47, पाली में 19 व जयपुर में 10 कौओं की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू को कंट्रोल करने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार को चिंता इस बात की है कि प्रतिवर्ष की तरह इस साल भी सर्दी के मौसम में बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी प्रदेश के विभिन्न इलाकों में आए हुए हैँ, उनमें यह बीमारी नहीं फैलनी चाहिए।