Rajasthan: कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस करेगी किसान सम्मेलन
Rajasthan कृषि कानूनों के खिलाफ जयपुर में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा शनिवार को राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन का बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को बताया कि इसमें प्रदेश के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जयपुर में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा शनिवार को राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन का बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार को बताया कि इसमें प्रदेश के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के इन तीनों कानूनों को काले कानून व किसान विरोधी बताते हुए कहा कि इसे पूरा देश आक्रोशित है और कांग्रेस इसे लेकर किसानों के साथ खड़ी हैं। डोटासरा ने कहा कि इन कानूनों के जरिये मंडी व्यवस्था को खत्म करने की साजिश की गई है। इस व्यवस्था से कालाबाजारी बढ़ेगी। केंद्र सरकार ने ये कानून लाकर किसान को कमजोर व बर्बाद करने का निर्णय कर किसानों के साथ धोखा किया हैं, लेकिन कांग्रेस नेता सोनिया गांधी व राहुल गांधी सहित पूरी पार्टी किसानों के साथ है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा व पंजाब में किसान सम्मेलन सफल रहे हैं और राहुल गांधी किसानों के साथ खड़े हुए हैं। अगर राहुल गांधी राजस्थान आना चाहेंगे तो प्रदेश कांग्रेस उनका स्वागत करेगी। उन्होंने बताया कि इन कानूनों के खिलाफ देश भर में हस्ताक्षर अभियान चल रखा है और लगभग दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर कराकर आगामी 14 नवंबर को राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी दल आंदोलन कर रहे हैं। देशभर के कई किसान संगठन भी इन कानूनों पर अपना विरोध जता रहे हैं। अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े किसानों के संगठन भारतीय किसान संघ को भी इन कानूनों में खामियां नजर आने लगी हैं। राजस्थान के कोटा में हाल ही में हुई भारतीय किसान संघ की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इन कानूनों के संबंध में चार प्रस्ताव पारित किए गए हैं। इन प्रस्तावों में जहां उपज को कम से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के प्रावधान किए जाने के लिए चौथा कानून बनाए जाने की मांग की गई है। वहीं, कृषि संबंधी विवादों के निपटारे के लिए कृषि न्यायालयों की स्थापना की भी मांग की गई है।