Rajasthan: बीटीपी को रोकने के लिए कांग्रेस ने भाजपा से मिलाया हाथ, डूंगरपुर जिला प्रमुख पद पर भाजपा की सूर्यादेवी निर्वाचित
Rajasthanडूंगरपुर में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) को रोकने के लिए कांग्रेस और भाजपा ने हाथ मिला लिया। इसका परिणाम यह रहा कि 27 सदस्यीय डूंगरपुर जिला परिषद में भाजपा की सूर्यादेवी कांग्रेस के समर्थन से जिला प्रमुख निर्वाचित हो गई।
उदयपुर, सुभाष शर्मा। Rajasthan: आदिवासी बहुल उदयपुर संभाग के डूंगरपुर जिले में गुरुवार को राजनीति का अजीब खेल देखने को मिला। देश और प्रदेश की राजनीति में भाजपा-कांग्रेस एक-दूसरे के कट्टर विरोधी पार्टी हैं, लेकिन डूंगरपुर में भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) को रोकने के लिए दोनों दलों ने हाथ मिला लिया। इसका परिणाम यह रहा कि 27 सदस्यीय डूंगरपुर जिला परिषद में भाजपा की सूर्यादेवी कांग्रेस के समर्थन से जिला प्रमुख निर्वाचित हो गई। बहुमत के नजदीक होने के बावजूद बीटीपी की प्रत्याशी पार्वती देवी एक मत से हार गईं। अब चर्चा यह है कि उप जिला प्रमुख पद पर भाजपा कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन करेगी। डूंगरपुर जिला परिषद के लिए निर्वाचित 27 सदस्यों में से दस भारतीय जनता पार्टी के जबकि कांग्रेस के छह प्रत्याशियों को ही जीत मिली थी।
पहली बार यहां भारतीय ट्राइबल पार्टी चुनाव लड़ी और उसके तेरह सदस्य जीतकर जिला परिषद पहुंचे थे। गुरुवार सुबह तक माना जा रहा था कि यहां जिला प्रमुख पद पर बीटीपी प्रत्याशी विजयी रहेगा। संभावना जताई जा रही थी कि कांग्रेस बीटीपी प्रत्याशी का समर्थन कर सकती है लेकिन परिणाम इसके विपरीत निकले।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने बीटीपी को रोकने के लिए उठाया कदम
बताया जा रहा है कि कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दिनेश खोडनिया ने बीटीपी को रोकने के लिए यह कदम उठाया। खोडनिया का मानना था कि यदि बीटीपी का जिला प्रमुख बन गया तो अगले पांच साल में कांग्रेस-भाजपा का यहां सफाया हो जाएगा। ऐसे में इसे रोकना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने भाजपा जिलाध्यक्ष प्रभु पण्ड्या से बात की और तय रणनीति के तहत यहां भाजपा का जिला प्रमुख निर्वाचित हो पाया।
सीएम गहलोत व कांग्रेस अध्यक्ष ने कर दिया था इनकार, निकाला दूसरा रास्ता
बताया जाता है कि डूंगरपुर के कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दिनेश खोडनिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी राजनेताओं में से एक हैं। भाजपा को समर्थन दिए जाने को लेकर खोडनिया ने सीएम अशोक गहलोत तथा पार्टी प्रदेशाध्यक्ष से भी बात की लेकिन दोनों से इस पर असहमति जताई। इसके बाद खोडनिया तथा भाजपा जिलाध्यक्ष ने मिलकर नई युक्ति निकाली और भाजपा की सदस्या सूर्यादेवी को बतौर निर्दलीय जिला प्रमुख की दावेदारी का पर्चा भरवाया। इस तरह कांग्रेस सदस्यों ने निर्दलीय सूर्यादेवी का समर्थन किया और भाजपा की सदस्य जिला प्रमुख निर्वाचित हो पाई। डूंगरपुर के जिला प्रभारी खानूखान के अलावा अजमेर दरगाह कमेटी के पूर्व सदर अफरार अहमद ने भी इसमें महति भूमिका निभाई।
कांग्रेस को मिल सकता है उप जिला प्रमुख पद
जिला परिषद के 27 सदस्यों में से कांग्रेस को महज छह सदस्य निर्वाचित होकर आए लेकिन गुरुवार को भाजपा और कांग्रेस की रणनीति के तहत कांग्रेस के सदस्य को उप जिला प्रमुख पद मिलने की संभावना बलवती हो गई हैं। जिला प्रमुख पद पर भाजपा को मिलने के बाद भाजपा सदस्य उप जिला प्रमुख पद पर कांग्रेस के दावेदार को समर्थन कर सकते हैं। कांग्रेस के गौतमलाल यहां से उप जिला प्रमुख के दावेदार बताए जा रहे हैं।
बीटीपी के मंसूबे फेल
सबसे अधिक सदस्य निर्वाचित होने के बावजूद बीटीपी के मंसूबे डूंगरपुर में फेल हो गए हैं। माना जा रहा था कि बीटीपी विधायकों के प्रदेश में कांग्रेस सरकार का समर्थन किए जाने के बदले कांग्रेस यहां बीटीपी का समर्थन करेगी, लेकिन ऐसा नहीें हो पाया। इससे बीटीपी नेता सकते में हैं। उनका कहना है कि उनके विधायकों को कांग्रेस सरकार को समर्थन देना बंद कर देना चाहिए।
सीमलवाड़ा पंचायत में भी भाजपा को दिया समर्थन
डूंगरपुर जिले की सीमलवाड़ा पंचायत समिति में कांग्रेस ने भाजपा के दावेदार को समर्थन दिया है। यहां सबसे बड़ी पार्टी चुने जाने के बावजूद कांग्रेस ने यह निर्णय लिया। चर्चा में है कि अंदरूनी राजनीति के चलते यह सब हुआ। कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा अपने बेटे महेंद्र भगोरा को बीटीपी के समर्थन से यहां प्रधान बनाना चाहते थे, लेकिन पार्टी जिलाध्यक्ष ने कांग्रेस सदस्यों को भाजपा का समर्थन देने का निर्णय लिया।