Rajasthan: कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने दिया इस्तीफा, कहा-मेरी आवाज दबाई जा रही
Rajasthan राजस्थान के कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। घोघरा राजस्थान के आदिवासी नेता होने के साथ ही कांग्रेस के अग्रिम संगठन युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। डूंगरपुर से पहली बार विधायक बने घोघरा का आदिवासी युवाओं में काफी प्रभाव है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। गुजरात में हार्दिक पटेल के कांग्रेस छोड़ने के कुछ घंटों बाद ही राजस्थान के कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। घोघरा राजस्थान के आदिवासी नेता होने के साथ ही कांग्रेस के अग्रिम संगठन युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। डूंगरपुर से पहली बार विधायक बने घोघरा का आदिवासी युवाओं में काफी प्रभाव है। घोघरा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजे अपने इस्तीफे में कहा कि मैं सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक हूं, लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि राजस्थान सरकार द्वारा मेरी अनदेखी की जा रही है। विधायक और युवक कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद मंत्री और अधिकारी मेरी बात नहीं सुनते हैं। मेरी आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार में मेरे निर्वाचन क्षेत्र की जनता के काम नहीं हो रहे हैं। उधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि घोघरा से बात करने का प्रयास किया जा रहा है। उनकी कोई शिकायत होगी तो उसका समाधान किया जाएगा। राजस्थान के नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि घोघरा को पार्टी ने काफी कुछ दिया है। उन्हें सार्वजनिक रूप से अपनी बात कहने के स्थान पर पार्टी में कहनी चाहिए थी।
घोघरा के खिलाफ पुलिस में दर्ज हुआ था मामला
कांग्रेस का चिंतन शिविर तीन दिन पहले ही आदिवासी इलाके के उदयपुर में संपन्न हुआ है। चिंतन शिविर में गुजरात और राजस्थान के आदिवासियों को पार्टी से जोड़ने को लेकर रणनीति बनाई गई। आदिवासियों के धार्मिक स्थल बेणेश्वर धाम में 132 करोड़ की लागत से बनने वाले पुल का शिलान्यास कर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व सीएम गहलोत ने जनसभा को संबोधित किया था, लेकिन गुजरात में हार्दिक पटेल के कांग्रेस छोड़ने और राजस्थान में गणेश घोघरा के इस्तीफे ने पार्टी नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है। उल्लेखनीय है कि घोघरा को करीब दो साल पहले गहलोत की सिफारिश पर ही युवक कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। घोघरा ने अपने समर्थकों के साथ एक दिन पहले ही डूंगरपुर के उपखंड अधिकारी को उनके दफ्तर में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया था। वरिष्ठ अधिकारियों ने काफी प्रयासों के बाद ताला खुलवाया था। इस मामले में घोघरा सहित 50 लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया गया था। घोघरा अपने क्षेत्र में विकास कार्य नहीं होने से नाराज हैं।