Rajasthan : राजीव गांधी फाउंडेंशन के साथ काम करने वाले विधायक पर सरकार गिराने के प्रयास का आरोप
राजीव गांधी फाउंडेंशन के साथ काम करने वाले विधायक पर सरकार गिराने के प्रयास का आरोप विधायक बोले बड़ों की लड़ाई में हमें निशाना बनाया गया
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा । राजस्थान में जिन तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ सरकार को गिराने के प्रयास और विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में एसओजी और राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मामला दर्ज किया है, वे अब सरकारी एजेंसियों की रड़ार पर आ गए हैं ।
रविवार को तीनों विधायकों के बारे में दोनों एजेंसियों ने छानबीन शुरू कर दी है। वहीं इन विधायकों ने कहा कि वे कांग्रेस के साथ हैं, उनके बारे में गलत सोचा और निर्णय किया गया है। उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया गया, जिससे उनके खिलाफ जांच हो। इन तीन में से एक निर्दलीय विधायक खुशबीर सिंह जोजावर तो पिछले दो दशक से राजीव गांधी फाउंडेशन के साथ जुड़े हुए हैं। जोजावर वॉटर हार्वेस्टिंग और ग्राउंड वाटर लेवल को बढ़ाने के लिए ग्रामीण इलाकों में काम कर रहे हैं। उनके इस काम को राजीव गांधी फाउंडेशन मदद करता है। फाउंडेशन ने जोजावर को "जलयोद्धा" माना और उनके प्रोजेक्ट्स की मदद की। फाउंडेशन के साथ काम करने के कारण ही उन्हे साल, 2003के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट दिया गया और वे चुनाव जीत गए थे।
हालांकि 2008 व 20013 में चुनाव हार गए तो 2018 के चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया । टिकट कटने पर नाराज होकर वे निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत गए। अब विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर एसओजी की जांच और दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में जोजावर का नाम सामने आया कि वे गहलोत सरकार गिराने के प्रयास में जुटे थे। उनके साथ दो अन्य विधायकों का नाम भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की प्राथमिकी में दर्ज हुआ है। उनमें ओमप्रकाश हुडला व सुरेश टांक है। दोनों पहले भाजपा में थे, लेकिन 2018 के चुनाव में टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय लड़कर जीत गए। अब खुद पर लग रहे आरोपों के बीच हुडला ने कहा कि मैं सरकार के साथ हूं ।
विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल होने का आरोप तथ्यहीन है। सुरेश टांक ने कहा कि लड़ाई कुछ और है, हमें निशाना बनाया जा रहा है। बड़ों की लड़ाई में हमें उपयोग में लिया जा रहा है। हम क्षेत्र के विकास के लिए सरकार के साथ आए थे । उधर ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने कहा कि दो लोगों की गिरफ्तारी और मोबाइल की रिकॉर्डिंग में तीनों विधायकों के नाम आए हैं ।