कोरोना वायरस लाॅकडाउन में जरूरतमंदों की सहायता के लिए बच्चे अपनी गुल्लक तोड़ दे रहे है पैसा
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुए लाॅकडाउन में अब जरूरतमंदों की सहायता के लिए बच्चे अपने इस सपने को भी तोड़ रहे हैं और सरकार को सहायता राशि दे रहे है।
जयपुर। बच्चो की गुल्लक सिर्फ उनकी बचत नहीं, बल्कि उनका एक सपना होती है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुए लाॅकडाउन में अब जरूरतमंदों की सहायता के लिए बच्चे अपने इस सपने को भी तोड़ रहे हैं और सरकार को सहायता राशि दे रहे है। राजस्थान में जयपुर और चूरू में दो बच्चों ने ऐसा कर समाज को दिशा दिखाने का काम किया है।
जयपुर में मंगलवार को दो भाई बहन तृप्ता पुरोहित और चिराग पुरोहित अपनी गुल्लक लेकर कलक्टर जोगाराम के पास पहुंचे और अपनी गुल्लक में जमा 4 हजार 115 रुपये की राशि कलेक्टर जोगाराम को देकर कहा कि सरकार तो अपने स्तर पर काम कर रही है और इस काम में हम भी अपनी तरफ से छोटी सी मदद करना चाहते है।
जयपुर में पोलोविक्ट्री के पास हाथी बाबू मार्ग में रहने वाले चिराग पुरोहित और तृप्ता पुरोहित ने अपने गुल्लक कलेक्टर जोगाराम को सौंप दिए। दोनों बच्चों के गुल्लक में सभी नोटों को मिलाकर कुल 4 हजार 115 मिले। दोनों बच्चों ने कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में यह राशि दी है।
पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले चिराग पुरोहित और सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली उसकी बहन तृप्ता पुरोहित ने कहा कि हमें लगा कि यह गुल्लक के पैसे बीमारों के काम आ जाएंगे, इसलिए हमने सारे पैसे कलक्टर अंकल को दे दिए हैं। दादा पवन पुरोहित ने बताया की बच्चों ने आज जो काम किया है उसका उन्हें गर्व है। राजस्थान के चूरू में भी कुछ बच्चों ने अपनी बचत का पैसा जिला कलक्टर संदेश नायक को सौंपा है।
गौरतलब है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री सहायता कोष में पिछले दो दिन में 23 करोड़ रुपए जमा हो चुके है। यहां सभी विधायकों ने अपनी एक माह की तनख्वाह दी है, वहीं सभी कर्मचारी भी एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष मे जमा करवा रहे है। इनके अलावा भी बडी संख्या में दानदाता सहयोग के लिए आगे आ रहे है। सरकार ने इस मद के लिए एक अलग खाता ही खोल दिया है और मुख्यमंत्री सहायता कोष में जो भी राशि आ रही है, वह इस खाते में जमा कराई जा रही है। खादय विभाग ने भी जिला कलक्टरों को निर्देश दिए है कि जरूरतमंदों को भोजन सामग्री व अन्य सहायता उपलब्ध कराने के लिए दानदाताओं से ज्यादा से ज्यादा सहयोग प्राप्त करें और उनके माध्यम से यह काम कराएं।