Move to Jagran APP

Rajasthan: लॉकडाउन का पालन नहीं करने पर 21 लाख से ज्यादा लोगों के चालान

Rajasthan राजस्थान एपिडेमिक एक्ट के तहत अब तक 21 लाख 51 हजार से ज्यादा लोगों के चालान किए गए हैं। इनमें सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं लगाने पर चार लाख 57 हजार 138 बिना मास्क लगाए सामान बेचने पर 20849 लोगों के खिलाफ चालान किए गए हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 05:37 PM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 05:37 PM (IST)
Rajasthan: लॉकडाउन का पालन नहीं करने पर 21 लाख से ज्यादा लोगों के चालान
लॉकडाउन का पालन नहीं करने पर 21 लाख से ज्यादा लोगों के चालान। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, जयपुर। Rajasthan: कोरोना महामारी के कारण राजस्थान में 23 मई तक लॉकडाउन लागू है। लॉकडाउन के बावजूद बेवजह सड़कों पर घूमने वालों के खिलाफ पुलिस ने सख्ती तेज कर दी है। अब तक पुुलिस समझाइश पर ज्यादा जोर दे रही थी, लेकिन अब कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जा रही है। राजस्थान एपिडेमिक एक्ट के तहत अब तक 21 लाख 51 हजार से ज्यादा लोगों के चालान किए गए हैं। इनमें सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं लगाने पर चार लाख 57 हजार 138, बिना मास्क लगाए सामान बेचने पर 20,849 लोगों के खिलाफ चालान किए गए हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने बताया कि निर्धारत सुरक्षित भौतिक दूरी नहीं रखने पर 16 लाख 15 हजार 870 लोगों के खिलाफ चालान किए गए।

loksabha election banner

निषेषाज्ञा और क्वारंटाइन मापदंडों का पालन नहीं करने पर चार लाख 769 मामले विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज कर 11,817 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि निषेधाज्ञ व एमवी एक्ट के तहत अब तक 21 लाख 20 हजार 404 वाहनों का चालान करने के साथ ही दो लाख 52 हजार 253 वाहन जब्त किए गए। इनसे 41.12 करोड़ रुपये जुर्माने के रूप में वसूले गए हैं। सोशल मीडिया के दुरुपयोग के मामले में अब तक 237 मुकदमें दर्ज कर 312 असामाजिक तत्वों के खिलाफ अभियोग दर्ज किया गया।

पूछताछ के लिए बुलाया तो डॉक्टर ने नसें काटी

बीकानेर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में पुलिस की पूछताछ के दौरान एक डॉक्टर मानसिक तनाव में आ गया। बीकानेर के सदर पुलिस थाने में पूछताछ के लिए बैठे डॉक्टर ने अचानक अपने हाथ की नसें काट ली। डॉक्टर धनपत डागा बीकानेर के जीवन रक्षा अस्पताल में कार्यरत है। जांच में सामने आया कि डॉक्टर का नाम दवा बेचने वाले स्टॉकिस्ट के बिलों में लिखा हुआ था। पुलिस इस मामले में यह जानना चाहती थी कि बिल पर डॉक्टर का नाम कैसे आया और वह भी स्टाॅकिस्ट के साथ इंजेक्शन की कालाबाजारी में शामिल है क्या। पुलिस थाना अधिकारी सत्यनारायण गोदारा ने बताया कि इस मामले में एसओजी भी जांच कर रही है। इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में डागा के साथ ही अस्पताल के अन्य स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है। पूछताछ से बचने के लिए डागा ने अपने हाथ की नसें काटी, हालांकि उनकी हालात सही है। डागा पूछताछ से बचना चाहते थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.