Lockdown: दर्द निवारक गोली लेकर पैदल चल रहे श्रमिक, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला
Lockdown जयपुर-आगरा जयपुर-दिल्ली और उदयपुर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ी संख्या में श्रमिक पैदल चलते नजर आए।
जागरण संवाददाता, जयपुर। Lockdown: अपने घर तक श्रमिकों के पैदल चलने का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्रमिकों को पैदल चलने से रोकने की जिम्मेदारी जिला कलेक्टरों व उपखंड अधिकारियों को सौंपी, लेकिन व्यवस्था नहीं होने के कारण श्रमिकों के पैदल चलने का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा है। जयपुर-आगरा, जयपुर-दिल्ली और उदयपुर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ी संख्या में श्रमिक पैदल चलते नजर आए। उधर, श्रमिकों के पैदल चलने का मामला राज्य मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है। राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष माधव मित्रा ने राज्य मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस महेश चंद्र शर्मा के समक्ष एक प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दर्द की गोलियां लेकर श्रमिकों के पैदल चलने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह से बड़ी संख्या में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल रहे हैं। पैदल चलने के कारण कई श्रमिकों के पैरों में सूजन आ गई है, वहीं कुछ गर्भवती महिलाओं ने रास्ते में ही बच्चों को जन्म दिया है। प्रतिवेदन के साथ कुछ श्रमिकों की बातचीत का रिकॉर्ड पेश किया गया है। मुख्यमंत्री ने 500 किलोमीटर से अधिक दूरी पर जाने वाले श्रमिकों को ट्रेन से गंतव्य तक भेजने को लेकर प्रबंध करने की बात कही है। इसके लिए जिल कलेक्टर श्रमिकों की सूची परिवहन आयुक्त व गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को देंगे। ये दोनों अधिकारी रेलवे से तालमेल कायम कर ट्रेन की व्यवस्था करेंगे। राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग के अनुसार शुक्रवार को उत्तराखंड के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेन जयपुर से रवाना हुई। श्रमिकों के किराये के पैसे राज्य सरकार ने देने का निर्णय किया है।
विशेष शिविर शुरू हुए
सीएम गहलोत ने फिर कहा कि प्रवासी श्रमिकों का पैदल अपने गंतव्य के लिए रवाना होना पीड़ादायक है। राज्य सरकार वे सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रही है, जिससे इन श्रमिकों को घर जाने के लिए पैदल चलने की पीड़ा नहीं झेलनी पड़े। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि श्रमिकों को पैदल चलने से रोकने के लिए रोडवेज की बसों का प्रबंध किया जाए। रोडवेज की बसों के माध्यम से इन्हें गंतव्य तक पहुंचाया जाए। उन्होंने बताया कि राजमार्गों पर विशेष शिविर खोले गए हैं। इस संबंध में गुरुवार को ही जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए थे। इन शिविरों में श्रमिकों के विश्राम, भोजन, पानी और शौचालय की व्यवस्था की गई है।
सीएम ने कहा कि यदि कोई श्रमिक पैदल चलते पाया जाएगा तो उसके लिए उपखंड अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश जाने वाले पैदल श्रमिकों की अधिक संख्या को देखते हुए जयपुर, दौसा और भरतपुर कलेक्टर रोडवेज बसों के जरिए इन श्रमिकों को भरतपुर स्थित कैंप में भेजवाएं।बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड जाने वाले श्रमिकों को रेल द्वारा भेजने को लेकर व्यवस्था की जाए।