Rajasthan ByPoll: राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के लिए चुनौती होंगे उपचुनाव
Rajasthan Bypoll राजस्थान में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों के लिए उप चुनाव बड़ी चुनौती है। सबसे बड़ी चुनौती सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए है। उप चुनाव जीतना गहलोत की प्रतिष्ठा का सवाल होगा।
जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan Bypoll: राजस्थान में अब चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होगा। तीन सीटें पहले से ही खाली थी, चौथी सीट बुधवार को खाली हो गई। बुधवार को वल्लभनगर सीट से कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत का निधन हो गया। वे लीवर की समस्या से पीड़ित थे। निधन के बाद उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। प्रदेश में तीन माह में तीन कांग्रेस और एक भाजपा विधायक का निधन हुआ है। उम्मीद है कि मार्च के अंतिम सप्ताह तक चुनाव आयोग चारों सीटों पर उप चुनाव की घोषणा करेगा। कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए उप चुनाव बड़ी चुनौती है। सबसे बड़ी चुनौती सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए है। उप चुनाव जीतना गहलोत की प्रतिष्ठा का सवाल होगा।
कांग्रेस में जहां पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमा उप चुनाव में हार-जीत को गहलोत के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल करेगा। यह साफ है कि उप चुनाव में जो भी परिणाम आएगा, वह वह गहलोत के खाते में जाएगा। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की प्रतिष्ठा भी इस उप चुनाव से जुड़ी हुई रहेगी। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खेमे की पूनिया के साथ पटरी नहीं बैठ पा रही है। दोनों के बीच खींचतान चल रही है। यदि चुनाव में हार होती है तो वसुंधरा खेमा इसे पूनिया के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकता है। उल्लेखनीय है कि अब तक अक्टूबर में सहाड़ा से कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी, नवंबर में सुजानगढ़ से तत्कालीन सामाजिक न्याय व अधिकारता मंत्री भंवरलाल मेघवाल व राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी का निधन हो चुका है।
दोनों ही पार्टियों के समीकरणों में होगा असर
विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 107 से कम होकर 104 रह गई। कांग्रेस विधायकों की संख्या 104, भाजपा के 71, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3, 13 निर्दलीय, विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या अब 107 से घटकर 104 रह गई है। विधानसभा में कांग्रेस के विधायक 104, भाजपा के 71,आरएलपी के 3, निर्दलीय 13 व सीएम के दो विधायक हैं। इसके साथ ही सीपीएम के 2 और भारतीय ट्राइबल पार्टी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 2-2 विधायक हैं। सीपीएम के 2, बीटीपी के 2 और आरएलडी का एक विधायक है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं का मानना है कि कांग्रेस के अंदरूनी सत्ता समीकरण भी तय करेंगे। अगर चार सीटों पर कांग्रेस जीतती है तो सीएम मजबूत होंगे। अगर कांग्रेस हारी तो सरकार के कामकाज और सीएम पर सवाल उठेंगे। तीन कांग्रेस विधायकों में शक्तावत, मेघवाल और त्रिवेदी की मौत हुई है। ये तीनों ही पायलट की बगावत के समय उनके साथ थे।