अंतररराष्ट्रीय सीमा पर फिर खुलेगी बॉर्डर इंटेलीजेंस चौकियां
राजस्थान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा इंतजाम अब और अधिक पुख्ता होंगे।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा इंतजाम अब और अधिक पुख्ता होंगे। इसके तहत पिछले 23 सालों से बंद पड़ी बॉर्डर इंटेलिजेंस चौकियों को फिर से शुरू करने के साथ ही नए बीएसएफ में नए जवानों की भर्ती भी की जाएगी।
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 24 सीमा चौकियों को फिर से शुरू करने की सहमति दे दी है। इस बारे में राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने 1 मार्च,2017 को केन्द्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखा था,जिस पर उन्होंने पिछले दिनों सहमति दे दी । 24 सीमा चौकियां फिर से सक्रिय होने के बाद सुरक्षा व्यवस्था पहले से अधिक मजबूत हो सकेगी।
इन चौकियों के फिर से सक्रिय होने से अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में होने वाली प्रत्येक गतिविधियों की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को मिल सकेगी। वर्तमान में सीमा क्षेत्र में खुफिया जानकारी हासिल करने का नेटवर्क पूरी तरह से बिखरा हुआ है।
राजस्थान से पाकिस्तान की 3323 किलोमीटर लम्बी सीमा सटी हुई है। सीमा क्षेत्र में किसी प्रकार की अवांछनीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीमावर्ती जिलों श्रीगंगानगर,बीकानेर,बाड़मेर और जैसलमेर में 23 साल पहले बॉर्डर इंटेलिजेंस की 41 चौकियां बनी हुई थी। करीब दो दशक पहले सीमा पर तारबंदी का काम पूरा होने के बाद लोगों के लिए सीमा पार करना मुश्किल हो गया।
इस कारण वर्ष 1995 और 2009 में 24 चौकियों को अनुपयोगी मानते हुए बंद कर दिया गया था,शेष 17 चौकियां वर्तमान में सक्रिय है। लेकिन अब फिर इन चौकियों को प्रारम्भ किया जाएगा। जानकारी के अनुसार इन चौकियों पर सुरक्षा के लिए राजस्थान पुलिस में 144 जवानों के पदों पर भर्ती होगी। इसके साथ ही बीएसएफ में भी अलग से भर्ती होगी ।
राजस्थान के गृहमंत्री बोले,वर्तमान हालात में चौकियों की जरूरत
राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस ट्रेन के माध्यम से जासूसी कराने में पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई एक बार फिर तेजी से सक्रय हुई है । यही कारण रहा कि पिछले तीन वर्ष में सीमावर्ती जिलों में दो दर्जन लोगों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है । इनमें से अधिकांश पाकिस्तान के निवासी है ।वर्ष,2017 में बड़े जासूसी नेटवर्क का खुलासा होने के बाद सीमा क्षेत्र में बॉर्डर इंटेलिजेंस चौकियों की कमी महसूस होने लगी है ।इन चौकियों में तैनात जवान सीमा क्षेत्र के गांवों में पूरी नजर रखते है । वे स्थानीय नागरिकों के बीच सक्रिय होकर सीमा पार से होने वाली गतिविधियों पर नजर रखते है । वर्तमान हालात में इन चौकियों की आवश्यकता महसूस की गई है ।