वसुंधरा राजे बोलीं, वह राजनीति यात्रा पर नहीं, पारिवारिक यात्रा पर, कटारिया गुट ने बनाए रखी वसुंधरा राजे की यात्रा से दूरी
भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मंगलवार से मेवाड़ देव दर्शन यात्रा पर हैं। इसकी शुरूआत उन्होंने मंगलवार सुबह दक्षिणी राजस्थान के प्रख्यात कृष्ण धाम श्री सांवलिया सेठ के दर्शन के साथ की। जिसके बाद लसाड़िया पहुंची।
उदयपुर, सुभाष शर्मा। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मंगलवार से मेवाड़ देव दर्शन यात्रा पर हैं। इसकी शुरूआत उन्होंने मंगलवार सुबह दक्षिणी राजस्थान के प्रख्यात कृष्ण धाम श्री सांवलिया सेठ के दर्शन के साथ की। जिसके बाद लसाड़िया पहुंची। जहां भाजपा के दिवंगत विधायक गौतम मीणा के घर पहुंची तथा वहां एक सभा को भी संबोधित किया। वसुंधरा की यात्रा में उदयपुर सांसद अर्जुनलाल मीणा सहित अन्य भाजपाई शामिल हुए लेकिन राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उनके समर्थकों ने वसुंधरा से दूरी बनाए रखी।
सांवलिया सेठ के दर्शन करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे धरियावद के दिवंगत विधायक गौतमलाल मीणा के लसाड़िया स्थित उनके घर पहुंची। जहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद एक सभा को भी संबोधित किया। मीणा के निधन के बाद पहली बार राजे उनके घर पहुंची। यहां पहुंचकर राजे ने शोक व्यक्त किया। राजे ने गौतमलाल मीणा के पुत्र कन्हैयालाल मीणा से भी मुलाकात की। साथ ही उनसे लम्बी चर्चा की।
गुटबाजी सामने आई
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की यात्रा के दौरान भाजपा में चल रही गुटबाजी भी सामने देखने को मिली। वसुंधरा के साथ पूर्व मंत्री यूनुस खान, उदयपुर सांसद अर्जुनलाल मीणा, सलूम्बर विधायक अमृतलाल मीणा, उदयपुर देहात अध्यक्ष भंवर सिंह पंवार तथा लसाड़िया मंडल अध्यक्ष सहित वसुंधरा समर्थक नेताओं की भीड़ थी लेकिन राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ही नहीं, बल्कि उनके समर्थक एक भी नेता वसुंधरा राजे से मिलने नहीं पहुंचा। यहां तक वल्लभनगर से विधानसभा उपचुनाव में भाजपा से उम्मीदवार रहे खेत सिंह मीणा ने भी लसाड़िया में होते हुए वसुंधरा की यात्रा से दूरी बनाए रखी।
वसुंधरा राजे ने कहा कि वह राजनीतिक यात्रा पर नहीं
राजे ने सांवलियाजी तथा लसाड़िया में छोटी सभाओं को संबोधित भी किया। जहां उन्होंने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि वह किसी राजनीतिक यात्रा पर नहीं निकली, बल्कि यह उनकी पारिवारिक यात्रा है। उन्होंने कहा कि उनके अपने सहयोगियों के निधन पर संवेदना व्यक्त करने के कार्यक्रम को कुछ लोग राजनीतिक यात्रा बताकर भ्रम फैला रहे हैं। शोक व्यक्त करने का ये कार्यक्रम राजनीतिक नहीं है। वे तो कोरोना के कारण चल बसे अपनों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने और भगवान के दर्शन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना करने आई हैं। उन्होंने उनकी मां राजमाता ने उन्हें यही सिखाया कि 36 कोमों को साथ लेकर आगे बढ़ोगे तो कभी कोई दिक्कत नहीं आएगी। हर राह आसान होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर कहा कि उनका नारा है 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास।
मैं राजनीति पर नहीं, धर्मनीति में चलती हूं
वसुंधरा राजे ने कहा कि उन पर आरोप लगाया जाता है कि वह भगवान भरोसे चलती हैं। वह आज साफ कहती हैं कि यह सही है कि वह भगवान के भरोसे पर विश्वास करती हैं। उनकी नीति राजनीति की बजाय धर्मनीति है और आगे भी वह धर्मनीति पर ही चलेंगी।
सफाई भी दी कि बहू बीमार थी, इसलिए चुनाव प्रचार के लिए नहीं आई
वसुंधरा राजे प्रदेश में हाल ही संपन्न विधानसभा उपचुनाव में स्टार प्रचारक के बावजूद प्रचार के लिए नहीं आई। जिसको लेकर उन्होंने सफाई दी कि उनकी बहू पिछले दस महीने से बीमार थी इसलिए वह चुनाव प्रचार में नहीं आ पाई। उन्होंने कहा कि अब उनकी बहू की तबियत में सुधार है और इसलिए आशीर्वाद लेने मेवाड़ के धर्मस्थलों पर जा रही हैं।